हरिद्वार। दीपावली त्यौहार को लेकर खुशियों एवं उत्साहों के बीच शहर के सैकडों लोग नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्थाओं के चलते अस्पतालों में भर्ती है। डेंगू के मरीजों से अस्तपाल भरे पडे हैं और लगातार मरीजों का आना जारी है। वहीं मरीजों की तीमारदारी करने में पूरा परिवार लगा है ऐसे में उनके सामने दीवाली के खुशियों मनाना मुनासिब नहीं है। जिला अस्पताल हरिद्वार में लगातार मरीज आ रहे हैं। यहां डेंगू वार्ड पिछले दो महीनों से फुल चल रहा है। तापमान नीचे आने के बाद भी डेंगू खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। आलम ये है कि शहर के लगभग सभी इलाकों से डेंगू के मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। डेंगू वार्ड फुल होने के बाद अब दूसरे वार्डों में मरीजों को शिफ्ट किया जा रहा है। जबकि कई मरीजों को घर में ही आराम करने की सलाह दी जा रही है। हरिद्वार के ज्वालापुर, कनखल, ब्रह्मपुरी, भीमगोडा, सुल्तानपुर, जगजीतपुर, लक्सर आदि क्षेत्रों में डेंगू के मरीज सबसे ज्यादा है। जिला अस्पताल में भर्ती भीमगोडा निवासी विनय कुमार पिछले चार दिन से अस्पताल में भर्ती है और अभी भी उनकी तबीयत ठीक नहीं है। ब्रह्मपुरी की सात साल की तनीषा भी अस्पताला में भर्ती हैं, पहले उसकी मम्मी भर्ती थी अब उसे खुद अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है। जबकि सोनिया, यश, अमित आदि भी अस्पतालों में भर्ती है। जिनका डेंगू का इलाज चल रहा है। हरिद्वार नगर निगम दीवाली के मौके पर शहर की सफाई करने में पूरी तरह नाकाम साबित हुआ है। कांग्रेस नेता विशाल राठौर ने बताया कि नगर निगम शहर की सफाई करने में पूरी तरह नाकाम रहा है। डेंगू, मलेरिया और टायफायड भी लगातार बढ रहा है। स्वास्थ्य विभाग भी डेंगू को लेकर कुछ नहीं कर पाया है। इससे लोगों को दीवाली अपने घरों के बजाए अस्पताल में मनाने को मजबूर होना पड रहा है। डेंगू का डंक दीपावली की खुशीयों पर भारी पड़ रहा है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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