हरिद्वार। आरके स्टार स्टूडियो के बैनर तले और जवाहरलाल नेहरु राष्ट्रीय यूथ सेंटर के सहयोग से बनी शाॅर्ट फिल्म 'राजू की दीवाली' को नेहरु युवा केंद्र में बुधवार को रिलीज किया गया। इस फिल्म को जंग-ए-आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले फ्रीडम फाइटर और यूपी व उत्तराखण्ड के पूर्व सीएम स्वर्गीय पंडित नारायण दत्त तिवारी की याद में बनाया गया है। फिल्म के निर्माता और इंस्पेक्टर की भूमिका निभाने वाले डा. विशाल गर्ग ने बताया कि फिल्म में गांव के एक बालक राजू के संघर्ष को दर्शाया गया है। राजू के पिता का देहांत हो गया है और उसके दादा बीमार है और घर का खर्चा किसी तरह उधार मांग कर चल रहा है। राजू दीवाली पर बाजार जाने की जिद करता है।जवाहरलाल नेहरु राष्ट्रीय युवा केंद्र हरिद्वार के सचिव सुखबीर सिंह ढींढ़सा ने बताया कि हम अपनी पुरानी परंपराओं को नजरअंदाज करते जा रहे हैं। दीपक हमारे अतीत की पहचान और गांव में रहने वाले लोगों के रोजगार का जरिया भी है। इसलिए दीवाली पर चीनी लडियों की जगह दीपक खरीदने को तरजीह दें। ताकि हमारी सदियों पुरानी परंपरा चलती रहे। फिल्म के निर्देशक राहुल सैनी ने बताया कि राजू के दादा का किरदार एसएमजेएन कॉलेज के प्राचार्य डा.सुनील बत्रा ने निभाया है जो फिल्म में पेशे से कुम्हार बने है और बीमार रहते हैं। लेकिन अपने पोते और परिवार की खुशीयों के लिए बीमार होने के बावजूद वो दीये बनाते हैं। ताकि उनको बाजार में बेच कर उनका परिवार भी दीवाली मना सके। लेकिन राजू के दादा की तबीयत खराब हो जाती है तब राजू खुद ही बाजार में दीये बेचने निकल पड़ता है। फिल्म में सामाजिक असमानता को भी दिखाया गया है। फिल्म के लेखक एमएस नवाज हैं। फिल्म में राजू की मां का किरदार दीक्षा पालीवाल ने निभाया है। राजू की भूमिका खन्ना नगर निवासी हिमांशु ने निभायी है। साथ ही दीपांकर, आकाश त्यागी, बंटी चड्ढा ने फिल्म बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
Comments
Post a Comment