हरिद्वार। महानगर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष व सामाजिक कार्यकर्ता सुनील सेठी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पर जानलेवा बने डेंगू की रोकथाम में विफलता का आरोप लगाते हुए पद से इस्तीफा देने की मांग की है। बुधवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए सुनील सेठी ने कहा कि डेंगू से मौत का आंकड़ा ओर मरीजो की संख्या रोजाना बढ़ती जा रही है। डेंगू के साथ साथ अन्य जानलेवा संदिग्ध बुखार भी हरिद्वार जिले में कई लोगो की जान ले चुके हैं। लेकिन प्रदेश के मुखिया जो कि स्वास्थ्य विभाग भी देख रहे हैं। उनकी लापरवाही की वजह से डेंगू कह रोकथाम करने में स्वास्थ्य विभाग और सरकार शुरू से ही नाकाम साबित हुए हैं। जिस तेजी से इस वर्ष डेंगू का कहर बरपा है। उसे देखते हुए मुख्यमंत्री को काफी समय पहले ही डेंगू को महामारी घोषित कर मरीजांे के इलाज के लिए ओर डेंगू की रोकथाम के लिए स्थाई व्यवस्थाएं करनी चाहिए थी। डेंगू की निःशुल्क जांच के लिए शिविर लगाए जाने चाहिए थे। निजी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों के लिए निशुल्क इलाज की व्यवस्था करनी चाहिए थी। जिससे लोगों को राहत मिलती। लेकिन सरकार और इसके मुखिया ठंड बढ़ने का इंतजार करने के चक्कर में अपनी जिम्दारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं। जिसकी वजह से आम जनता परेशान है। लोग निजी अस्पतालों में महंगा इलाज कराने के लिए मजबूर हैं। सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाये नाकाफी है। जिसका फायदा प्राइवेट अस्पताल जमकर उठा रहे हैं। सरकारी तंत्र मरीजो का आंकड़ा छुपाकर अपनी नाकामी छुपाने में लगा है। मुख्यमंत्री हर दस दिन बाद हरिद्वार आकर शिलान्यास कार्य कर वाहवाही लूटकर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हैं। उसके लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदारी लेते हुए नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। प्रैस वार्ता में जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र चैरसिया, शहर अध्यक्ष तेज प्रकाश साहू, जिला सचिव प्रीत कमल शर्मा, तरुण व्यास, दीपक पांडेय, राहुल चैहान, पंकज माटा, पंकज ममगाई, शुभम नोटियाल, योगेश अरोड़ा, एसएन तिवारी, मनोज कुमार, रमन सिंह, राजेश सुखीजा
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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