हरिद्वार। श्रीगुरूनानक देव महाराज के 550वें प्रकाश पर्व को समर्पित शोभायात्रा 30 अक्टूबर को निर्मल अखाड़ा के अध्यक्ष महंत स्वामी ज्ञानदेव सिंह महाराज की अध्यक्षता में ग्राम ऐथल के गुरूद्वारा यादगार श्री गुरू अमर दास के पवित्र स्थान से प्रारम्भ होगी। कोठारी महंत जसविन्दर सिंह शास्त्री ने कहा कि गुरूनानक देव के जीवन से हमें प्रेरणा मिलती है। अनेकों कष्टों को झेलकर उन्हांेने धर्म की पताका की फहरायी। कोठारी महंत जसविन्दर सिंह शास्त्री ने बताया कि नगर कीर्तन शोभायात्रा ऐथल ग्राम दिनारपुर, चिट्ट कोठी, एक्कड़ कलां, जटवाडा पुल, कटहरा बाजार गुरूद्वारा, गोल गुरूद्वारा, भेल गुरूद्वारा होते हुए भगत सिंह चैक पर सम्पन्न होगी। नगर कीर्तन शोभायात्रा में षड्दर्शन साधु समाज के संत महापुरूष एवं शहर के गणमान्यजन सम्मिलित होंगे। कोठरी महंत जसविन्दर सिंह शास्त्री ने बताया कि गुरूनानक देव महाराज के 550वें प्रकाश पर्व को यह शोभायात्रा समर्पित है। महंत अमनदीप सिंह ने कहा कि गुरूनानक देव ने समाज में फैली भ्रांतियों को दूर कर समाज के उत्थान में अपना योगदान दिया। नगर कीर्तन शोभायात्रा में संत महापुरूष बड़ी संख्या में सम्मिलित होंगे, जगह-जगह शोभायात्रा का भव्य स्वागत भी किया जायेगा। शोभायात्रा में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, विधायक संजय गुप्ता, ग्रामीण विधायक यतीश्वरानन्द, जिलाधिकारी दीपेन्द्र चैधरी, एसएसपी सेन्थिल अबुदई के राज एस, मेला अधिकारी दीपक रावत, अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह, जन्मजेय खडूरी, एसडीएम श्रीमती कुसुम चैहान भी भाग लेंगे। नगर कीर्तन शोभायात्रा की तैयारियों में महंत रंजय सिंह, महंत सतनाम सिंह, महंत त्रिवेणी दास, बाबा पंडित, कोठारी महंत प्रेमदास, बीबी महंत जसवीर कौर, बाबा लखा सिंह, बाबा तरन सिंह, प्रधान कश्मीर सिंह खजांची, योगा सिंह, सेवा सिंह, सूरत सिंह, गुरूचरण सिंह, अनूप सिंह सिन्धू, सूबा सिंह, ऋषिपाल सिंह, प्रधान कुलदीप सिंह, मनदीप सिंह, टेक सिंह, सुखदेव सिंह, हरिबोल सिंह आदि जुटे हुए हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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