हरिद्वार। भेल क्षेत्र में गुलदार द्वारा एक व्यक्ति को निवाला बनाने के बाद राजाजी पार्क की सीमा से सटे क्षेत्रों में रहने वाले लोग दहशत में है। बुजुर्ग का शिकार करने वाले आदमखोर गुलदार को पकड़ने की कोशिशें वन प्रभाग ने तेज कर दी है। दहशत फैलाने वाले गुलदार की मंगलवार की रात बीएचईएल सेक्टर तीन में चहलकदमी ने चिंता और बढ़ा दी है। लगातार गुलदार राजाजी टाइकर रिजर्व पार्क से सटे इलाकों में पहुंच रहा है। मंगलवार देर रात यह गुलदार भेल फैक्ट्री के पास एक दीवार पर घूमता सीसीटीवी में कैद हुआ। जिसके बाद इलाके में लोगों को एक बार फिर चैकन्ना और सावधान रहने की हिदायत दी गई है। वहीं वन प्रभाग ने गुलदार का रास्ता पता करने के लिए तीन कैमरे अपनी ओर से लगाए है, ताकि भेल में आने वाले गुलदारों की संख्या का भी अनुमान लग सके। भेल में वैसे तो पहले भी जंगली जानवर अक्सर चहलकदमी करते नजर आ जाते थे लेकिन हाथियों को छोड़ किसी भी जानवर ने कभी इंसान पर हमला नहीं किया था। लेकिन हाल ही में हुई बुजुर्ग को शिकार बनाने की घटना के बाद आतंक का पर्याय बने गुलदार को फिर रिहायशी इलाके में घूमते देखा गया है जिससे खतरा और बढ़ गया है। मंगलवार देर रात भेल कैंपस की एक दीवार पर गुलदार को घूमते देखा गया है। माना जा रहा है कि यह गुलदार भोजन की तलाश में दोबारा इस इलाके में घूम रहा है। हालांकि वन प्रभाग, राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क और भेल संपदा विभाग की टीमें भेल की जंगल किनारे वाली सड़कों से गुजरने वाले लोगों को गुलदार के खतरे से आगाह कर रही हैं। साथ ही सेक्टर एक और पांच-ए में शाम के समय घूमने वालों को भी शाम के समय घरों से न निकलने की सलाह दी गई है। मंगलवार की रात को हरिद्वार वन प्रभाग ने तीन कैमरे राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की सीमाओं में लगा दिए है, ताकि गुलदार का रास्ता उनको मालूम हो सके और गुलदार को पकड़ने में आसानी हो सके। साथ ही हाथियों की भी दस्तक का भी पता चल सके। बता दें वन प्रभाग की ओर से सेक्टर पांच, चार और तीन में कैमरे लगाए गए है। डीएफओ आकाश वर्मा ने बुधवार को राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की सीमाओं का निरीक्षण कर जायजा लिया। साथ ही लोगों को रात में अकेले बाहर न निकलने की हिदायत दी। कहा जा रहा है कि आदमखोर गुलदार के अलावा भेल में कई अन्य गुलदार भी आ रहे है। जो दिखाई दे रहे है। वन प्रभाग और राजाजी को यह बात नहीं समझ आ रही है कि आखिर किस गुलदार ने हमला किया है और आदमखोर गुलदार कौन सा ही। वन प्रभाग हरिद्वार द्वारा गुलदार को पकड़ने के लिए पूर्व में शिकार वाले स्थान पर चार पिंजरे लगाये गये थे। इन चार पिंजरों में इन तीन दिनों में गुलदार तो नहीं फंसा लेकिन मंगलवार रात इसमें एक सुअर जरूर फंस गया। पिंजरे में जानवार के फंसने की सूचना पर जब वनकर्मी पहुंचे तो उसमें गुलदार की जगह सुअर फंसा देख काफी निराश हुए। जिसके बाद सुअर को पिंजरे से बाहर निकाल छोड़ दिया गया। गुलदार को पकड़ने के लिए इस बार पिंजरों में जानवर की जगह जानवर का मीट डाला जा रहा है। यह मीट चिड़ियापुर स्थित रेस्क्यू सेंटर से मंगाया जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस मीट की दुर्गंध को सूंध गुलदार इसकी ओर जरूर आकर्षित होगा। पिंजरों में मीट को रोज बदला जा रहा है कि ताकि उसकी दुर्गंध ताजी रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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