हरिद्वार। खेल महाकुम्भ 2019 को लेकर जिलाधिकारी दीपेन्द्र चैधरी ने कलेक्ट्रेट सभागार रोशनाबाद में बैठक लेते हुए तैयारियों को लेकर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि नवम्बर माह में होने वाले खेल महाकंभ में 16 खेल प्रतियोगिताओं में अधिक से अधिक खिलाडियों को प्रतिभाग करने हेतु प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल विभाग उत्तराखण्ड द्वारा खेल महाकुम्भ 2019 का आयोजन राज्य में खेलों का वातावरण सृजित करने, युवाओं एवं दिव्यांगजनों का खेलों के प्रति आकर्षण उत्पन्न करने तथा आगामी 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी के दृष्टिगत राज्य में खेलों का माहौल तैयार करने व प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को चिन्हित करने के उद्देश्य से खेल, शिक्षा एवं पंचायती राज विभाग के सहयोग से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी विभाग आपसी समन्वय एवं सामंजस्य से कार्य करें। प्रत्येक विभाग को मिलने वाला बजट नियमानुसार निर्धारित मानकानुसार ही खर्च किया जाए। उन्होंने खेल महाकुम्भ में पंजीकरण कराने वाले प्रत्येक प्रतिभागी की प्रतिभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। जिला प्रांत एवं युवा कल्याण अधिकारी रमेश चन्द्र ने बताया कि खेल महाकंुभ मे कबड्ड़ी, एथलेटिक्स, खो-खो, वालीबाल, बैडमिंटन, फुटबाल, टेबल-टेनिस, ताईक्वांडो, बाॅक्सिंग, जूडो, हैडबाल, बास्केटबाल, हाॅकी, तैराकी, तीरंदाजी, व तलवारबाजी प्रतियोगिता शामिल है। जिसमें तैराकी, तीरंदाजी व तलवारबाजी को पहली बार शामिल किया गया। जिसका आयोजन राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ में अंडर 14 व अडर 17 बालक-बालिका वर्ग मंे किया जाएगा। उन्होंने खेल महाकुंभ में जनप्रतिनिधियों का भी सहायोग लेने के निर्देश दिये। बैठक में विधायक ममता राकेश, अध्यक्ष जिला पंचायत अध्यक्ष राव आफाक अली, अपर जिलाधिकारी प्रशासन बी.के.मिश्रा, मुख्य शिक्षा अधिकारी आनन्द भारद्वाज, जिला क्रीडा अधिकारी एस.के. डोभाल आदि उपस्थित थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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