हरिद्वार। दुपहिया और लोडिंग वाहनों के अलावा अब शराब तस्करों ने लग्जरी गाड़ियों को भी तस्करी के धंधे में उतार दिया है। ज्वालापुर कोतवाली की पुलिस ने हरियाणा के एक शराब तस्कर को गिरफ्तार किया है। वो फॉर्च्यूनर गाड़ी में चंडीगढ़ से अंग्रेजी शराब ला रहा था। पुलिस ने आठ पेटी अंग्रेजी शराब बरामद की है। गाड़ी सीज कर तस्कर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस के मुताबिक ज्वालापुर कोतवाल योगेश सिंह देव को मुखबिर से सूचना मिली कि चंडीगढ़ से एक सफेद रंग की गाड़ी में शराब तस्करी कर लाई जा रही है। कोतवाल ने हाईवे पर रानीपुर झाल के पास तस्कर की धरपकड़ के लिए जाल बिछाया और संदिग्ध वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी। एक फॉर्च्यूनर कार को रोकने पर ड्राइवर भागने का प्रयास करने लगा। पुलिस टीम ने पीछा कर उसे दबोच लिया। तलाशी लेने पर कार से आठ पेटी अंग्रेजी शराब बरामद हुई। पूछताछ में आरोपित ने अपना नाम अंबरीक सिंह पुत्र जगमेल सिंह निवासी ग्राम समानी, थाना पीपली जिला कुरुक्षेत्र हरियाणा बताया। उसने बताया कि चंडीगढ़ से गाड़ी में शराब की पेटियां लादकर वह बुधवार की रात रवाना हुआ था। रास्ते में कई जगह उसने शराब की डिलीवरी दी। आठ पेटी शराब हरिद्वार पहुंचानी थी। एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय ने बताया कि गाड़ी सीज कर शराब तस्कर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। शराब हरिद्वार में कहां लाई जा रही थी, इस बारे में पता लगाया जा रहा है। चेकिंग के दौरान पुलिस अमूमन यात्री वाहनों और लोडर आदि को रोककर तलाशी लेती है। लग्जरी गाड़ियों को पुलिस कम ही चेक करती है। इसलिए तस्कर लग्जरी गाड़ी का इस्तेमाल शराब तस्करी में करने लगे हैं। तस्कर ने पुलिस को बताया कि चंडीगढ़ से हरिद्वार के बीच उसने कई जगह शराब की डिलीवरी दी। वह हरियाणा और उत्तर प्रदेश से होते हुए उत्तराखंड पहुंचा, लेकिन कहीं भी पुलिस ने उसे नहीं रोका। मुखबिर की पुख्ता सूचना नहीं होती तो शायद हरिद्वार में भी पुलिस फॉर्च्यूनर गाड़ी में शराब तस्करी का अंदाजा नहीं लगा पाती।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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