हरिद्वार। श्रीमानव कल्याण आश्रम में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी स्वामी दुर्गेशानन्द महाराज के सानिध्य में एवं मैनेजिंग ट्रस्टी पार्षद अनिरूद्ध भाटी के संचालन में धूमधाम से अन्नकूट महोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर स्वामी दुर्गेशानन्द महाराज ने कहा कि मानव कल्याण आश्रम मानवमात्र की सेवा के लिए स्थापित किया गया है। हरिद्वार, बद्रीनाथ, अहमदाबाद स्थित आश्रमों में अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया गया। मैनेजिंग ट्रस्टी अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि संस्था के संस्थापक ब्रह्मलीन स्वामी कल्याणानन्द सरस्वती महाराज के संकल्प को साकार करते हुए श्री मानव कल्याण आश्रम द्वारा निरन्तर संत सेवा, धर्म प्रचार-प्रसार, संस्कृति संवर्द्धन का कार्य किया जा रहा है। कहा कि अन्नकूट महोत्सव समरसता का पर्व है जिसे समाज के सभी वर्ग मिल-जुलकर मनाते हैं। यह जहां प्रकृति के संरक्षण का संदेश देता है वहीं हमारे अध्यात्म पक्ष को भी उजागर करता है जिसमें पंच तत्वों की उपासना का संदेश मिलता है। इस अवसर पर ट्रस्टी श्रीमहंत देवानन्द सरस्वती, विनोद अग्रवाल, बहादुर सिंह वर्मा, भक्त दुर्गादास ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर विनित गिरि, ब्रह्मदत्त, रूपेश शर्मा, सुरेन्द्र मिश्रा, गगन यादव समेत अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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