हरिद्वार। राज्य आंदोलनकारियों ने चिन्हित राज्य आंदोलन समिति के अध्यक्ष जेपी पाण्डे के नेतृत्व में मेला अधिकारी को ज्ञापन प्रस्तुत कर कुंभ मेला निधि से बनाए जा रहे किसी एक घाट का नामकरण स्व.इन्द्रमणी बड़ोनी घाट रखे जाने की मांग की है। इस अवसर पर जेपी पाण्डे ने कहा कि 2007 में तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी की अयक्ष वाली कमेटी ने टिबड़ी रेलवे फाटक चैराहे का नामकरण स्व.इन्द्रमणी बड़ोनी करने का प्रस्ताव पारित किया था। 12 साल बीतने के बाद भी चैराहे के नामकरण करने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। इस संबंध में मेयर अनिता शर्मा को भी ज्ञापन दिया गया। लेकिन उस पर भी आज तक कोई कार्रवाई नही हुई। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में सभी महापुरूषों के नाम पर घाट व चैक बनाए गए हैं। उत्तराखण्ड के गांधी स्व.बड़ोनी के नाम पर किसी एक घाट का नाम रखा जाना चाहिए। ज्ञापन सौंपने वालों में सावित्री नेगी, सतीश जैन, रामदेव मौर्य, हेमराज सैनी, बालकिशन, दिनेश धीमान, शमशेर खान उत्तराखण्डी, रश्मि चमोली, मधु नौटियाल, सरिता पुरोहित, जगमोहन सिंह नेगी, मंजू लोहनी, राजेश गुप्ता आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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