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पौराणिक स्थलों के भ्रमण के तहत पवित्र छड़ी यात्रा पिथौरागढ़ पहुची,हुआ भव्य स्वागत

हरिद्वार। प्रदेश के चारों धामों सहित विभिन्न पौराणिक स्थलों पर भ्रमण के लिए जारी पवित्र छड़ी यात्रा कुमायूं के पिथारौगढ़ पहुच गई। जागेश्वर धाम के बाद यात्रा निरन्तर जारी है। जागेश्वर धाम से नैनीताल पहुचने पर एसडीएम विनोद कुमार,पटवारी सुदेश सनवाल ने छड़ी पूजन का स्वागत किया। छड़ी पूजन श्रीमहंत प्रेम गिरी,श्रीमंहत शिवदत्त गिरी,श्रीमहंत धीरज गिरी,थानापति श्रीमहंत मनोहर पुरी,धारापति पशुपति गिरी,प्रदीप संदीप,श्री महंत पुष्पराज गिरी आदि ने नैनीदेवी मन्दिर छड़ी लेकर पहुचे। जहां भव्य स्वागत के बाद छड़ी का पूजन किया गया। जूना अखाड़ा के अन्र्तराष्ट्रीय संरक्षक श्री महंत स्वामी हरि गिरी की देख रेख में जारी पवित्र छड़ी यात्रा जूना अखाड़ा के संरक्षक श्रीमहंत प्रेम गिरी के नेतृत्व में अनवरत जारी है। गत दिवस सोमवार को पवित्र छड़ी पवित्र नदी शारदा में स्नान के बाद नारायण आश्रम धारचूला के लिए रवाना हुई,बुधवार को पवित्र छड़ी नारायण आश्रम पहुचेगी। बताते चले कि विगत 12अक्टूबर को हरिद्वार के मायादेवी मन्दिर प्रांगण से प्रारम्भ हुई पवित्र छड़ी यात्रा अपने अन्तिम पड़ाव की ओर तेजी से बढ़ी रही है। पवित्र छड़ी का भ्रमण कुमायू मण्डल के विभिन्न पौराणिक स्थलों के लिए जारी है। सोमवार को चम्पावत में रात्रि विश्राम के बाद यात्रा मंगलवार को पिथौरागढ़ के लिए रवाना हो गयी। श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के संरक्षक श्रीमहंत प्रेम गिरी के नेतृत्व में साठ सदस्यों वाली साधुओं का दल इन दिनों उत्तराखंड के प्रसिद्व चारों धामों के अलावा विभिन्न प्रसिद्व तीर्थस्थलों ,पौराणिक मन्दिरों,मठों के लिए भ्रमण पर निकली हुई है। रविवार को पूर्णागिरि धाम में माता के दर्शन के के बाद सोमवार को चम्पावत पहुची,जहां पर रात्रि विश्राम के बाद मंगलवार को धारचूला के नारायण आश्रम के लिए रवाना हुई। नारायण आश्रम में पहुचने से पहले पवित्र नदी शारदा में पवित्र छड़़ी यात्रा को स्नान कराया गया। चम्पावत में विभिन्न प्रसिद्व स्थलों का भ्रमण के बाद धारचूला पहुचेगी।  श्रीमहंत प्रेम गिरी ने बताया कि छड़ी यात्रा का उददे्श्य देश में अमन,चैन,सद्भाव के साथ सनातन धर्म का प्रसार करना है। उन्होंने बताया कि सत्तर वर्ष पूर्व तक इस यात्रा का विधिवत आयोजन किया जाता था,लेकिन कतिपय कारणों से यात्रा बीच में बंद हो गई थी,लेकिन एक बार फिर प्रदेश के पौराणिक स्थलों के प्रति नई पीढ़ी को रू-ब-रू कराने के लिए उददे्श्य से यात्रा पुनः प्रारम्भ किया गया है। 


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