हरिद्वार। दीपावली के मौके पर नगर के विभिन्न भीड़भाड़ वाले बाजारों में पटाखों की दुकानें नही लगाने का आदेश एसएसपी ने अधिनस्थों को दिए थे,वाबजूद इसके इन दिनों दीवाली की भीड के बीच शहर में कई स्ािानों पर नियम कायदों को ताक पर रख बाजारों में ही पटाखों की दुकानें लगा दी गई है। जबकि एसएसपी के आदेश के बावजूद जगह-जगह पटाखों की दुकानें सजी हुई है। जिससे कभी भी कोई भी हादसा हो सकता है। संभवतः अग्निशमन विभाग एसएसपी के आदेशों के पालन को गंभीर नही दिखाई दे रहा है। बाजारों में भीड के बीच अगर किसी प्रकार का कोई हादसा हो जाता है तो दमकल गाडियों को पहुंचने में भी दिक्कतों का सामना करना पडेगा। इससे जानमाल की हानि हो सकती है। लेकिन अग्निशमन विभाग के साथ साथ प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। ज्वालापुर के कटहरा बाजार, चैक बाजार, पीठ बाजार, गुरूद्वारा रोड, जामा मस्जिद रोड, सब्जी मंडी रोड, आर्य नगर चैक क्षेत्र में सडक किनारे ही पटाखों की दुकानें लगी हुई है। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम और वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम बनाए गए हैं। इसके बावजूद भी पटाखा व्यवसायी जगह-जगह भीड भाड वाले इलाकों में पटाखों की दुकानें सजाए हुए हैं। दीपावली पर्व के मौके पटाखों की आतिशबाजी के कारण वायु प्रदूषण तो होगा ही। साथ ही पटाखों से निकलने वाला धुंआ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध होगा। केंद्र सरकार द्वारा ग्रीन पटाखों की शुरूआत तो की गई, लेकिन यह शुरूआत देरी से होने पर मात्र महानगरों तक ही सीमित रही। ग्रीन पटाखों की बिक्री मात्र बढे शहरों में ही हुई। समाजसेवी विशाल गर्ग ने कहा कि बाजारों व भीड भाड वाले क्षेत्रों में पटाखों की दुकानें नहीं लगनी चाहिए। क्योंकि कभी भी कोई बडा हादसा हो सकता है। पटाखा व्यवसायियों को भी पानी व रेत की व्यवस्था को दुकानों के आस-पास रखना चाहिए। उपनगरी ज्वालापुर की संकरी गलियों में पटाखा व्यवसायियों द्वारा छोटे बडे पटाखे खूब बेचे गए। लोगों द्वारा भी पटाखों की जमकर खरीदारी की गई। रोक के बावजूद भी शहरभर में पटाखों की दुकान बेरोकटोक देर रात तक चलती रही।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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