हरिद्वार। जिला चिकित्सालय में रैबीज वैक्सीन उपलब्ध नहीं होने पर रोगियों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। डेढ़ माह से कुत्ता, बंदर व सुअर के काटने से घायल व्यक्ति जिला चिकित्सालय में उपचार के लिए दस्तक तो दे रहे हैं। लेकिन अस्पताल में इंजेक्शन की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण रोगियों को महंगे अस्पतालों में ईलाज के लिए दौड़ना पड़ रहा है। सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों की माने तो लगभग डेढ़ माह से जानवरों के काटने से घायल रोगियों को इंजेक्शन नहीं मिलने के कारण कई तरह की परेशानियों को झेलना पड़ रहा है। सोमवार को ज्वालापुर निवासी अंसार मंसूरी ने कुत्ते के कटे जाने पर जिला चिकित्सालय में उपचार के लिए चिकित्सकों से इंजेक्शन लगाये जाने की फरियाद की। लेकिन चिकित्सकों ने अंसार मंसूरी को अस्पताल में इंजेक्शन उपलब्ध नहीं होने की बात कहकर वापस भेज दिया। जिला चिकित्सालय में जानवरों के काटे जाने के इंजेक्शन न होना डबल इंजन सरकार की उदासीनता का बड़ा उदाहरण है। जनपद भर से रोगियों का आना जिला अस्पताल में लगा रहता है। लेकिन जानवरों के काटे जाने से घायल रोगियों को तुरन्त ईलाज न मिलना स्वास्थ्य विभाग की लाचारी को दर्शा रहा है। जबकि कुत्ता, बंदर के काटे जाने की घटनाएं धर्मनगरी में आये दिन होती रहती है। अस्पताल में वैक्सीन उपलब्ध कराये जाने के लिए कई बार क्षेत्र के व्यापारी भी सरकारी अस्पतालों मंे इंजेक्शन की उपलब्धता को लेकर अपनी नाराजगी जता चुके हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सुनील अरोड़ा ने कहा कि बंदर व कुत्ते के काट खाये जाने के इंजेक्शन 24 घंटे अस्पताल में उपलब्ध कराये जाये। क्योंकि बंदर व कुत्ते काटने पर रोगी मानसिक रूप से भी काफी परेशान रहता है। उन्हांेने कहा कि रोगी को तुरन्त ईलाज की आवश्यकता होती है। व्यापारी नेता सुनील सेठी ने कहा कि पूर्व में भी इंजेक्शन को लेकर स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियो को जानकारी दे दी गयी थी लेकिन अब तक इंजेक्शन अस्पताल में नहीं होना विभागीय अधिकारियों की भी बड़ी लापरवाही का सबब बना हुआ है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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