हरिद्वार। बीइंग भगीरथ फाऊण्डेशन के गंगा सफाई के आह्वान पर हजारों स्वयंसेवियों ने गंगा सफाई के लिए आगे आते हुए सूखी गंगा से सैकड़ों टन गंदगी बाहर निकाली। स्वयंसेवियों द्वारा गंगा से निकाली गयी गंदगी में बड़ी संख्या में पुराने कपड़े, प्लास्टिक, पुरानी कांवड़ शामिल हैं। गंगा से जिस प्रकार गंदगी निकल रही है। उसे देखते हुए स्पष्ट है कि गंगा को स्वच्छ, निर्मल, अविरल बनाए रखने के लिए चलाए जाने वाले तमाम प्रचार अभियान बेअसर साबित हो रहे हैं। लोगों पर किसी भी प्रचार अभियान का कोई असर नहीं हो रहा है। बीइंग भगीरथ फाऊण्डेशन के संयोजक शिखर पालीवाल ने बताया कि जिलाधिकारी के आग्रह पर बीइंग भगीरथ के स्वयंसेवियों के अतिरिक्त शहर के हजारों लोग गंगा सफाई के लिए आगे आए। गंगा सफाई अभियान में पतंजलि के स्वयंसेवियों के अतिरिक्त महर्षि विद्यामंदिर, धूमसिंह मेमोरियल, शिवडेल, ऋषिकुल आयुर्वेदिक कालेज, नेहरू युवा केंद्र तथा एसएमजेएन कालेज के छात्र-छात्राओं ने भी सहयोग किया। ऋषिकुल से प्रेमनगर घाट के बीच चलाए गए अभियान के तहत गंगा से हजारों टन कचरा और गंदगी बाहर निकाली गयी। गंगा सफाई अभियान में शामिल हुए जिलाधिकारी दीपेंद्र चैधरी ने कहा कि बीइंग भगीरथ के संयोजन में शुरू किया गंगा सफाई अभियान एक शुरूआत है। अभियान में शहर के आम लोगों का भी सहयोग लिया जा रहा है। उन्होने कहा कि जिस प्रकार स्कूली छात्रों ने सफाई अभियान में सहयोग किया है। उससे सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। अपर मेला अधिकारी ललित नारायण मिश्रा ने बताया कि शुक्रवार को बिरला घाट व आसपास के अन्य घाटों पर पुलिस बल के सहयोग से सफाई अभियान चलाया जाएगा। प्रो.महावीर अग्रवाल ने कहा कि पतंजलि गंगा को स्वच्छ बनाए रखने के लिए प्रति कृतसंकल्प है। सफाई अभियान में स्वामी अजरानंद महाराज, प्रो.सुनील बत्रा, तन्मय शर्मा, अभियान संयोजक जनक सहगल, मधु भाटिया, देविशा, विपिन, अरविन्द, अमित, पंकज, जितेंद्र, चेतना, रूचिता, सीमा, संदीप, गोकुल, सागर, अभिषेक, नमन, मोहित, सन्नी, सुशांत, आदित्य, ओमशरण, हितेश, भूपेश, शिवम चैहान आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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