हरिद्वार। सोमवती अमावस्या स्नान पर देश भर से आए श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित किया। वर्षों बाद दीपावली के अगले दिन बने स्नान सोमवती अमावस्याके योग का श्रद्धालुओं ने खूब लाभ उठाया। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, यूपी आदि राज्यों से आए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी सहित विभिन्न गंगा घाटों पर गंगा स्नान व दान पुण्य कर परिवार के लिए सुख समृद्धि की मंगल कामना की। अमावस्या होने के चलते स्नान के लिए आए श्रद्धालुओं ने पितरों के निमित्त तर्पण व अन्य कर्मकाण्ड भी संपन्न कराए। पितरों के निमित्त कर्मकाण्ड संपन्न कराने के लिए पौराणिक नारायणी शिला मंदिर व कुशावर्त घाट पर बेहद भीड़ रही। स्नान व कर्मकाण्ड संपन्न कराने के पश्चात श्रद्धालुओं ने पौराणिक मंशा देवी, चण्डी देवी, माया देवी, श्री दक्षिण काली, दक्षेश्वर महादेव, बिल्केश्वर महादेव आदि मंदिरों में देव प्रतिमाओं के दर्शन का लाभ भी उठाया। विशेष बात यह है कि दशहरे पर गंगा बंदी होने के बाद दीपावली की रात्रि को ही गंगा घाटों पर पहुंची है। बाहर से आए श्रद्धालुओं के साथ स्थानीय लोग भी गंगा स्नान के लिए पहुंचे। सवेरे ब्रह्ममुर्हत में शुरू हुआ गंगा स्नान का सिलसिला दिन भर चलता रहा। स्नान के लिए लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने से बाजारों में खूब भीड़भाड़ रही। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमडने पर व्यापारियों के चेहरे खिले रहे। प्रशासन की और से स्नान को संपन्न कराने के लिए मेला क्षेत्र को 16 जोन व 36 सेक्टरों में बांटकर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। स्नान को पहुंचे लाखों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते रेलवे स्टेशन व बस स्टैण्ड पर दिन भर खूब चहल पहल रही।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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