हरिद्वार। श्रीगुरुकृपा कुटीर की परमाध्यक्ष संतश्री रमादेवी के सानिध्य में अन्नकूट व गोवर्धन पूजा के अवसर पर भगवान गोवर्धनधारी को छप्पन भोग लगाकर राष्ट्र में सुख एवं समृद्धिशाली समाज निर्माण की कामना की गई तथा बृजमण्डल एवं द्वारकापुरी की संस्कृति के संरक्षण हेतु वृहद स्तर पर भजन कीर्तन, पूजा आरती का आयोजन किया गया। दिल्ली, यूपी तथा गुजरात से पधारे सैकड़ों भक्तों को भगवान द्वारकाधीश के जीवन चरित्र एवं समाज निर्माण की लीलाओं का वर्णन करते हुए श्रीगुरुकृपा कुटीर की परमाध्यक्ष संत श्रीरमादेवी माता ने कहा कि भगवान के छप्पन भोग का प्रसाद भक्तों के अन्तःकरण को पवित्र कर समस्त विकार एवं विकृतियों का शमन कर देता है। जिससे व्यक्ति के जीवन में सरलता, सहजता एवं सहृदयता का समावेश हो जाता है। आश्रम की व्यवस्थापक साध्वी भक्तीदेवी ने भगवान गोवर्धन की आरती उतार कर सम्पूर्ण राष्ट्र एवं विश्व कल्याण की कामना की। इससे पूर्व संत श्रीरमादेवी ने शंखनाद के माध्यम से भगवान एवं गुरुओं का आवाह्न कर छप्पन भोग का रसास्वादन कराया। इस अवसर पर दिल्ली तथा गुजरात से पधारे हरीश कुमार, अंजनी बेन, प्रवीन भाई, भगीरथ भाई, कोमुदी बेन, कावेरी बेन तथा सविता बेन इत्यादि ने गंगाजल से निर्मित छप्पन भोग तैयार कर भगवान को समर्पित किए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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