हरिद्वार। मंशा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि संतों के सानिध्य में भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म की पताका पूरे विश्व में फहरा रही है। ब्रह्मलीन महंतानी सरस्वती देवी की पुण्य तिथि तथा श्रीमद्भागवत कथा के विश्राम अवसर पर मंशा देवी मंदिर प्रांगण में आयोजित संत सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंतानी सरस्वती देवी त्याग व तपस्या की प्रतिमूर्ति थी। गौ तथा गंगा सेवा से उन्हें विशेष लगाव था। ब्रह्मलीन महंतानी सरस्वती देवी जीवन पर्यन्त गंगा स्वच्छता के लिए प्रयासरत रही। अपने भक्तों को भी वे सदैव गंगा की पवित्रता तथा निर्मलता बनाए रखने के लिए प्रेरित करती थी। मां मंशा देवी मंदिर पर श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं जुटाने में भी उनका विशेष योगदान रहा। सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए राष्ट्र व धर्म के उत्थान के लिए कार्य करना चाहिए। महंत लखन गिरी व निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रामरतन पुरी महाराज ने कहा कि संतों का जीवन सदैव परोपकार के लिए समर्पित रहता है। संतों के सानिध्य में ही भक्त के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। श्रीमहंत ओंकारगिरी व स्वामी आशुतोष पुरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंतानी सरस्वती देवी अलोकिक संत थी। उनके सानिध्य में आने वाले भक्त के सभी कष्ट दूर हो जाते थे। उन्होंने सदैव भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में अपना योगदान प्रदान किया और अपने तप व विद्वता के माध्यम से संत समाज का गौरव बढ़ाया। म.म.स्वामी कपिल मुनि तथा महंत निर्मल दास महाराज ने कहा कि संतों ने सदैव समाज को नई दिशा प्रदान की है और राष्ट्र को उन्नति की ओर अग्रसर किया है। संत सम्मेलन में पधारे स्वामी रघुवन, स्वामी बलवीर पुरी, महंत अंबिका पुरी, दिगंबर नीरज गिरी, दिगंबर अमित पुरी, स्वामी आलोक गिरी, स्वामी चिदविलासानंद, स्वामी जगदीशानंद गिरी, महंत जसविन्दर सिंह, महंत खेमसिंह, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी दिनेश दास, स्वामी हरिहरानंद, महंत प्रेमदास, महंत विष्णुदास, महंत डोंगर गिरी, स्वामी मधुरवन, महंत शिवशंकर गिरी, महंत अरूणदास, स्वामी ऋषि रामकिशन आदि संत महापुरूषों का ट्रस्टी प्रदीप शर्मा, तरूण गांगुली व अनिल शर्मा ने फूलमालाएं पहनाकर स्वागत किया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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