हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के वैदिक विद्वानों ने भारतीय शिक्षा पद्धति के क्षेत्र में विभिन्न आयाम स्थापित कर भारत ही नहीं विश्व को दिशा देने का काम किया है। उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए आज गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय विश्व पटल पर अपनी विशेष पहचान रखता है। आचार्य रामदेव के बारे में महात्मा गांधी ने समय-समय पर अपने विभिन्न लेखों में उनके द्वारा शिक्षा जगत के क्षेत्र में किए गए कार्यो का उल्लेख किया है। जो उनकी शिक्षा जगत के किए कार्यो की प्रमाणिकता को सिद्ध करता है। उक्त विचार गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.रूपकिशोर शास्त्री ने आचार्य रामदेव के निर्वाण दिवस के मौके पर आयोजित यज्ञ के अवसर पर व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हम सभी शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी उन महान पुरूषों की कर्मभूमि से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि गुरुकुल एक शिक्षण संस्था मात्र न होकर भारतीय संस्कृति व संस्कारों से जुड़ी संस्था का नाम है। यहां पढ़ने वालों विद्यार्थियों में आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और संस्कारों को पल्लवित करने का कार्य किया जाता है। सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के डीन प्रो.अम्बुज कुमार ने कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द, महात्मा गांधी और आचार्य रामदेव के जन्म जयन्ती को मनाने का कार्य भी शुरू किया जाना चाहिए। वहीं गुरुकुल कांगड़ी विद्यालय विभाग के मुख्य अध्यापक डा.विजेन्द्र शास्त्री ने कहा कि यह परम्परा विद्यालय में सतत मनाई जा रही है। डा.योगेश शास्त्री ने कहा कि आर्य समाज से जुड़े हुए कार्यक्रम विश्वविद्यालय स्तर पर अवश्य होने चाहिए। इस मौके पर कार्यवाहक कुलसचिव प्रो.पीसी जोशी ने आचार्य रामदेव को नमन करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से विश्वविद्यालय के छात्रों को अपने गौरवशाली आचार्यो के बारे में विस्तार से जानकारियां उपलब्ध होती हैं। जिनसे प्रेरणा ले वह अपनी प्राचीन भारतीय संस्कृति व संस्कारों को आगे बढ़ाने की दिशा में अग्रसर होते है। इस अवसर पर कुलपति की धर्मपत्नी संतोष, प्रो.सोमदेव शतांशु, प्रो.श्रवण कुमार शर्मा, प्रो. विनोद कुमार, प्रो.वीके. सिंह, प्रो.पीपी. पाठक, प्रो.ब्रह्मदेव, प्रो.मनुदेव, प्रो.विवेक कुमार, प्रो.सोहनपाल सिंह आर्य, प्रो.नमिता जोशी, डा.मुदिता अग्निहोत्री, डा.श्वेतांक आर्य, दीपक वर्मा, विजेन्द्र सिंह, राजीव त्यागी, डा.विपुल भट्ट, डा.मनोज कुमार, डा.हेमवती नन्दन, राजकुमार, डा.मयंक अग्रवाल, डा. भगवानदास, डा.दीनदयाल, चन्द्रप्रकाश, प्रमोद कुमार, प्रकाश तिवारी, कुलदीप, डा.पंकज कौशिक, कुलभूषण शर्मा, प्रो.मृदुला जोशी, डा.बिन्दु मलिक, डा.दीपा गुप्ता, अमित धीमान, वीरेन्द्र पटवाल, मदन लाल जाट, डा.अनिल धीमान, डा.कुशवाह दिलीप कुमार, डा.हिमांशु गुप्ता, डा.हरेन्द्र, डा.पंकज पाल, हेमन्त सिंह नेगी, डा.बबलू, डा.वेदव्रत, डा.मौहर सिंह मीणा इत्यादि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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