हरिद्वार। श्री मंशा देवी मंदिर प्रांगण में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन श्रद्धालुओं को आशीर्वचन प्रदान करते हुए मंशा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत भगवान श्री कृष्ण का ही स्वरूप हैं। इसे अपने हृदय में धारण करें। सांसारिक वस्तुओं के सेवन से दूर रहकर धर्म का सेवन करें। प्रभु की भक्ति ही मनुष्य का परम धर्म है। श्रद्धालुओं से काम क्रोध, मद, मोह लोभ व कुरीतियों से दूर रहने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि हृदय से किया गया प्रभु स्मरण मनुष्य के मोक्ष के द्वार खोलने का काम करता है। इसलिए अपने मन को काबू में रखते हुए अपने हृदय को प्रभु चरणों में स्मृत रखिए। धर्म के मार्ग पर चलने वालों की हमेशा विजय होती है। श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत गीता का महत्व समझाते हुए कथा व्यास पंडित ब्रह्मरात हरितोष (एकलव्य) ने कहा कि भगवत गीता में मनुष्य के जीवन का सर्वाधिक महत्वपूर्ण सार समाहित है। भागवत पुराण को सुनने और उसका अनुसरण करने से मनुष्य का जीवन धन्य हो जाता है। उन्होंने कहा, अगर आप बीमार हैं तो बिना दवा के ठीक नहीं होंगे, ठीक इसी प्रकार जब तक शास्त्र संगत व अच्छा सत्संग नहीं करेंगे, तब तक मन का इलाज नहीं होगा। श्रीमद्भागवत बैकुंठ का मार्ग प्रशस्त करती है। जो मनुष्य भगवान के प्रति समर्पित हो जाता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए हृदय से प्रभु स्मरण करेंगे तो जीवन धन्य होगा। कथा व्यास ने कहा कि सृष्टि में जितने भी भौतिक संसाधन है। वे केवल मनुष्य की व्यवस्था है जो सुख नहीं दे सकती। क्योंकि धन से मनुष्य भौतिक सुख प्राप्त कर सकता है किन्तु सत्य विचार नहीं प्राप्त कर सकता। ट्रस्टी प्रदीप शर्मा ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा कल्याणकारी है। कथा श्रवण से व्यक्ति के सभी कष्ट और विपदाएं दूर हो जाते हैं। इस अवसर पर ट्रस्टी अनिल शर्मा, ट्रस्टी तरूण गांगुली, पंडित संतोष दीक्षित, नीलाभ मिश्र, पंडित महेश गिरी, पंडित पवन गिरी, पंडित अमर उपाध्याय, पंडित अमरनाथ मिश्रा, मुन्ना पंडित, पंडित द्वारिका मिश्रा, पंडित सीताराम शर्मा, पंडित रामभवन शर्मा, सचिन अग्रवाल, पंडित धीरज गिरी, चंद्रमोहन नोडियाल, मनोज डोभाल, सचिन अग्रवाल, सुनील बत्रा, अतुल शर्मा, अजय कुमार कुमार, रिंकू खुराना, अमित वालिया आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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