हरिद्वार। कोतवाली ज्वालापुर क्षेत्रान्गर्त निवासी एक नव विवाहिता ने आरोप लगाया है कि उसके साथ उसके ससुर ने चाकू की नोक पर डरा-धमकाकर दुष्कर्म किया, इतना ही नही उसके पति ने अप्राकृतिक यौन संबंध बनाए। विवाहिता ने विरोध किया तो पति ने उसको तीन तलाक देकर छोड़ दिया। पीड़िता की शिकायत पर कोतवाली ज्वालापुर पुलिस ने पति, ससुर और सास के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। कोतवाली प्रभारी योगेश देव के मुताबिक ज्वालापुर निवासी एक युवती का निकाह इसी साल सात फरवरी को चंडीगढ़ निवासी युवक के साथ हुआ था। आरोप है कि शादी के बाद से ही पति, सास, ससुर ने दहेज के लिए उसको यातनाएं देनी शुरू कर दी। आरोप है कि उसके पति ने जून माह में अपने पैतृक घर बिजनौर में उसके साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाए। विरोध करने पर विवाहिता से 50 हजार रुपये और कार की मांग करते हुए उसको घर से निकाल लिया। 23 जून को पति, सास और ससुर उसके ज्वालापुर स्थित घर पहुंचे और मारपीट की। मामला महिला हेल्प लाइन ज्वालापुर पहुंचा। दो अगस्त को महिला हेल्पलाइन में समझौता हो गया और नव विवाहिता पति के साथ चली गई। आरोप है कि 19 अगस्त को पति ने दोबारा अप्राकृतिक यौन संबंध बनाए। पति के घर से बाहर जाने पर आरोप है कि ससुर ने 20 अगस्त को उसके साथ चाकू की नोक पर दुष्कर्म किया और किसी को इस बारे में बताने पर उसके भाई को जान से मारने की धमकी दी।विवाहिता ने अपने पति को इस बात की जानकारी दी। आरोप है कि इसके बाद विवाहिता को घर में बंधक बना लिया। आरोप है कि 25 अगस्त को ससुराल पक्ष के लोग जबरदस्ती उसको ज्वालापुर स्थित आवास पर छोड़ गए। जहां 5 सितंबर को आकर उसके पति ने तीन बार तलाक बोलकर उसको छोड़ दिया। एसएसपी के आदेश के बाद सोमवार को ज्वालापुर पुलिस ने आरोपी पति, ससुर और सास निवासीगण नगला बस्ती मनीमाजरा चंडीगढ़ के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। बता दें कि आरोपी पति फर्नीचर का काम करता है। कोतवाली प्रभारी योगेश देव ने बताया कि जांच के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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