हरिद्वार। ऊर्जा बचत ऊर्जा उत्पादन करने से अधिक महत्वपूर्ण है। ऊर्जा की बचत का मतलब है पैसों की बचत। उक्त विचार मुख्य शिक्षा अधिकारी डा.आनन्द भारद्वाज ने कनखल स्थित राजकीय कन्या हाईस्कूल में आयोजित ऊर्जा संरक्षण कार्यक्रम में व्यक्त किए। डा.भारद्वाज ने कहा कि ऊर्जा के स्रोत धीरे धीरे कम होते जा रहे हैं। अतः भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए हमें ऊर्जा संरक्षण पर ध्यान देना होगा। साथ ही ऊर्जा के वैकल्पिक प्रयोगों के विषय पर भी गंभीरतापूर्वक विचार करना होगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उरेड़ा के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी अजय कुमार ने गुप्ता ने ऊर्जा बचत के विभिन्न उपायों से छात्राओं को अवगत कराया। उरेड़ा के सहायक अभियन्ता मदन मोहन डिमरी ने बताया कि उरेड़ा द्वारा ऊर्जा संरक्षण कार्यक्रम के तहत चित्रकला, निबंध व भाषण प्रतियोगिताएं जिले ब्लाॅकों में आयोजित की गयी। जिसमें निबंध प्रतियोगिता में नारसन ब्लाक से अंकित कुमार सिंघल प्रथम, बहादराबाद ब्लाक से कुमारी फिजा द्वितीय भगवानपुर ब्लाॅक से कुमारी बुशरा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। भाषण प्रतियोगिता में खानपुर ब्लाक से अजय कुमार प्रथम, बहादराबाद ब्लाॅक से कुमारी प्रीति द्वितीय व रूड़की ब्लाॅक से कुमारी आस्था सेमवाल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। चित्रकला प्रतियोगिता में भगवानपुर ब्लाॅक की कुमारी मानसी चैधरी प्रथम, बहादराबाद ब्लाॅक की कुमारी वंशिका कुलश्रेष्ठ द्वितीय व रूड़की ब्लाॅक की कुमारी लक्ष्मी प्रजापति ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम का संचालन विजय सक्सेना ने किया। इस अवसर पर पार्षद विनीत जौली, प्रशान्त सैनी, नितिन शर्मा, प्रधानाध्यापिका डा.कुसुम गोस्वामी, सीमा कुकरेजा, अंजना ध्यानी, मीनाक्षी शर्मा, नीलम शर्मा, सरिता नौटियाल, रेनू पंत, भान प्रकाश सती, सविता, नीरज शर्मा, बीडी इंटर कालेज भगवानपुर के प्रधानाचार्य संजय गर्ग सहित विद्यालय की छात्राएं उपस्थित रही।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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