हरिद्वार। चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति की कार्यकारिणी फिलहाल पूर्ववत कार्य करती रहेगी। छह माह बाद समिति की नई कार्यकारिणी का गठन किया जायेगा। फिलहाल दिवगंत प्रदेश अध्यक्ष जेपी पांडेय के निधन के बाद चिह्नित राज्य आन्दोलनकारी समिति की कार्यकारिणी पूर्ववत कार्य करेगी। इस सम्बन्ध में समिति की कनखल में संपन्न बैठक में निर्णय लिया गया। समिति ने व्यवस्था बनाने के लिए छह माह के लिए डॉ. अमर सिंह अहितान को समिति का प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया था। छह माह बाद समिति की कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा।प्रदेश महामंत्री आरएस मनराल ने कहा कि समिति के अध्यक्ष स्व. जेपी पांडेय द्वारा जिस प्रकार प्रदेश और जिला कार्यकारिणी का गठन किया था, वह उसी प्रकार कार्य करेगी। समिति पंजीकृत संस्था है, लिहाजा समिति की बैठक में कोरम पूरा होने पर ही निर्णय लिया जा सकता है। समिति की बैठक तीन, छह माह और एक वर्ष में होती है। समिति की कार्यकारिणी भंग करने का अधिकार किसी को नहीं है। इस दौरान डॉ. अमर सिंह अहितान, महेश गौड़, बालकिशन, आनंद सिंह नेगी, कमला पांडेय, धर्मपाल भारती, नरेंद्र गुसांई, राजेंद्र सिंह नेगी, रमेश रतूड़ी, राजेश गुप्ता, सतीश जैन, बलवीर सिंह नेगी, रमेश रतूड़ी, आशु बड़थ्वाल, दीपक उप्रेती आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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