हरिद्वार। अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा ने प्रदेश सरकार पर तीर्थ पुरोहितों को ठगने का आरोप लगाया है। चार धाम देवस्थानम बोर्ड के माध्यम से सरकार, सदियों से चार धाम की सेवा करने वाले तीर्थ पुरोहितों के अधिकार पर कब्जा करने का प्रयास कर रही है। तीर्थ पुरोहितों ने साफ चेतावनी दी कि यदि सरकार इस विधेयक को वापस नहीं लेती तो आने वाले सीजन में चारों धाम की डोलियां नहीं उठायी जायेंगी। चार धाम हक हकूकधारी महापंचायत के कोषाध्यक्ष लक्ष्मी नारायण जुगरान ने कहा कि सरकार ने एक ओर श्राइन बोर्ड के नाम पर तीर्थ पुरोहितों को वार्ता में उलझाया और दूसरी ओर बिना तीर्थ पुरोहितों को विश्वास में लिए कैबिनेट में बिल पास कर लिया। उन्होने कहा कि सरकार बताये कि पुरोहितों के साथ की गई सरकार की वार्ता का क्या परिणाम निकला। सरकार के एक निर्णय से तीर्थ पुरोहितों के बाल बच्चे और तीर्थों से जुड़े तमाम लोग सड़कों पर आ गये हैं। सरकार धार्मिक स्थलों की कमाई से प्रदेश चलाने की तैयारी कर रही है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ आगामी 19 व 20 दिसंबर को नासिक व त्रयंबकेश्वर में अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहितों की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बाद पुरोहित देशभर में आंदोलन का बिगुल बजायेंगे। केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्य विनोद शुक्ला ने चेतावनी दी कि यदि सरकार अपने इस तुगलकी आदेश को वापस नहीं लेती तो आगामी चार धाम यात्रा का तीर्थ पुरोहित न केवल बहिष्कार करेंगे बल्कि चारों धाम की डोलियों को नहीं उठायेंगे। कहा कि चार धाम आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा करने वाले तमाम लोगों के विरोध के बावजूद सरकार ने बिल पास कर लिया। सरकार की इस मनमानी से देश भर से उत्तराखंड आने वाले चार धाम श्रद्धालुओं को अवगत कराया जायेगा। उन्होने कहा कि पुरोहित सरकार के इस फैसले का पुरजोर विरोध करेंगे। वार्ता में श्रीकांत वशिष्ठ, विनोद शुक्ला, संजीव सेमवाल, श्याम पंचपुरी, सुरेंद्र सिखौला, सुनील श्रोतिय, डा. सत्यनारायण शर्मा, प्रद्युमन भगत और पुष्पेंद्र झा उपस्थित हुए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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