हरिद्वार। बह्मलीन महंत दर्शन सिंह के कार्य, उनकी भावनाएं, संस्कृति और धर्म के प्रति योगदान सभी को सदा प्ररेणा देता रहेगा। उक्त उद्गार पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने देवपुरा आश्रम में श्रीपंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह की अध्यक्षता में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत दर्शन सिंह की कीर्ति हमेशा बनी रहेगी। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि संत और तीर्थ में कोई भेद नहीं है। संतों के समागम और दर्शन का तत्काल फल प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन महंत दर्शन सिंह एक दिव्य महापुरुष थे। उनके संसार से विदा होने से संत समाज को अपूर्णीय क्षति हुई है। अपने कार्यों से समाज को दिशा देने वाले ब्रह्मलीन महंत दर्शन सिंह महाराज का धर्म और समाज के प्रति योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। कहा कि महंत गुरमीत सिंह ने अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत दर्शन सिंह के दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए प्रखरता से आश्रम व सेवा प्रकल्पों का संचालन करें। इस मौके पर श्रीमहंत दुर्गादास महाराज, रामेश्वरानन्द सरस्वती, महंत नित्यशुद्धानंद व महंत विष्णुदास समेत कई संतों ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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