हरिद्वार। व्यापारी व समाजसेवी डा.विशाल गर्ग ने बसंत पंचमी पर परिवार सहित पंतगबाजी का आनन्द लिया। डा.विशाल गर्ग ने बसंत पंचमी पर परंपरागत रूप से पीले वस्त्र पहनकर सरस्वती पूजन किया। उन्होंने सभी को बसंत पंचमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत में त्यौहारों का विशेष महत्व है। त्यौहारों के माध्यम से भारतीय संस्कृति की विशेषताओं का पता चलता है। उन्होंने कहा कि बसंत पंचमी का पर्व देश में सभी धर्म समुदाय के लोग मिलकर मनाते हैं। बसंत पंचमी एकता, भाईचारे व समरसता का संदेश देने वाला पर्व है। विशाल गर्ग ने कहा कि बसंत पंचमी खुशीयों के साथ मनानी चाहिए। पंतग उड़ाने के लिए परंपरागत मांझे का इस्तेमाल ही करें। चाईनीज मांझा इंसानों के साथ पशु पक्षियों के लिए भी घातक सिद्ध हो रहा है। इसलिए चाईनीज मांझे का पूरी तरह बहिष्कार करें। नरेश रानी गर्ग ने कहा कि मां सरस्वती की सच्चे मन से की गयी आराधना अवश्य ही फलदायी सिद्ध होती है। त्यौहार भारतीय संस्कृति व सनातन परंपराओं का संदेश समाज को देते हैं। बसंत पंचमी उल्लास व उमंग का पर्व है। शिक्षा की देवी सभी को बल बुद्धि व ज्ञान प्रदान करती है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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