हरिद्वार। नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) हरिद्वार द्वारा बीएचईएल को सार्वजनिक उपक्रम श्रेणी में वर्ष 2018-19 के लिए द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश में नराकास की 29वीं अर्धवार्षिक बैठक के दौरान आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में नराकास हरिद्वार के अध्यक्ष एवं निदेशक (कार्मिक) टीएचडीसी, ऋषिकेश विजय गोयल ने महाप्रबंधक (एस एवं ओएम) ए.के.साहा एवं महाप्रबंधक (मानव संसाधन) एस.के.बवेजा को यह पुरस्कार प्रदान किया। बीएचईएल को यह सम्मान राजभाषा कार्यान्वयन एवं हिंदी के प्रचार-प्रसार में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया है। संजय गुलाटी कार्यपालक निदेशक (हीप) एवं जे.पी.सिंह, कार्यपालक निदेशक (सीएफएफपी) ने नराकास राजभाषा शील्ड प्राप्त करने पर सभी कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने हर्ष व्यक्त करते हुए इस उपलब्धि के लिए नराकास प्रतियोगिता के विजयी कर्मचारियों को भी अपनी शुभकामनाएं दी। पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान बीएचईएल के सौजन्य से नराकास सदस्य संस्थानों के लिए आयोजित “चित्र देखो-कहानी लिखो” प्रतियोगिता में क्रमशः तृतीय एवं प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त करने वाले 2 बीएचईएल कर्मियों अरविंद डिमरी तथा हर्षद शर्मा को भी स्मृति चिह्न एवं प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर एम्स के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रविकांत,, अजय मलिक, उप निदेशक(कार्यान्वयन)राजभाषा विभाग, पी.के.श्रीवास्तव, अपर महाप्रबंधक (मानव संसाधन), विनीत कुमार, उप प्रबंधक (राजभाषा) तथा शशी सिंह, वरि. राजभाषा अधिकारी भी उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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