हरिद्वार। डीडीओ कोड बहाली को लेकर विवि प्रशासन की वादाखिलाफी से आयुर्वेदिक कर्मचारियों गुस्सा फूट गया। आंदोलनरत कर्मचारियों ने ऋषिकुल और गुरुकुल आयुर्वेदिक कॉलेज के मुख्य गेट पर ताले लगा दिए। कर्मचारियों से वार्ता के लिए पहुंची कुलसचिव को जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। आखिरकार कुलसचिव ने डीडीओ कोड बहाली के लिए शासन को प्रस्ताव भेजने के एक आयुर्वेदिक कर्मचारी को ही अधिकृत कर दिया। इसके बाद कर्मचारी शांत हुए। डीडीओ कोड बहाली के लिए शासन को प्रस्ताव भेजने के लिए उत्तराखंड आयुर्वेदिक विवि प्रशासन ने कर्मचारियों से 15 दिन का समय मांगा था। लेकिन जब निर्धारित समयसीमा बीतने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई तो कर्मचारी भड़क गए। इससे आक्रोशित कर्मचारियों ने पहले गुरुकुल और फिर ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज में तालाबंदी की। वहीं दोनों आयुर्वेदिक अस्पतालों की ओपीडी भी ठप रही। कर्मचारियों ने विवि प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। तालाबंदी की सूचना मिलते ही आयुर्वेदिक विवि की कुलसचिव प्रो. माधवी गोस्वामी ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज पहुंची। विवि कुलसचिव ने कर्मचारियों को मनाने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि पहले डीडीओ कोड पॉवर कुलसचिव को सौंपने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन शासन ने प्रस्ताव को नियामवली के विरुद्ध बताते हुए खारिज कर दिया। कुलसचिव ने कहा कि डीडीओ कोड बहाल की स्थिति में विवि के वित्त नियंत्रक को डीडीओ पॉवर सौंपी जाएगी। ऐसे में एक नया प्रस्ताव तैयार करना होगा। लेकिन कर्मचारियों ने पीछे हटने की बजाय कुलसचिव को घेरकर लापरवाही पर खरी खोटी सुनाई। इस बीच कॉलेज के परिसर निदेशक डॉ. अनूप कुमार गक्खड़ और डॉ. विशाल वर्मा ने कर्मचारियों को समझाने लगे,पर कर्मचारी नारेबाजी करते परिसर निर्देशक कार्यालय के बाहर ही धरने पर बैठ गए। इसके बाद कुलसचिव ने कर्मचारी नेताओं को परिसर निदेशक कार्यालय में वार्ता के लिए बुलाया। कुलसचिव प्रो. माधवी गोस्वामी ने कहा कि डीडीओ कोड बहाल करने के प्रस्ताव को तैयार करने के लिए एक आयुर्वेदिक कर्मचारी को अधिकृत कर दिया जाएगा। इसके बाद कर्मचारियों में कनिष्ठ सहायक धीरज उपाध्याय के नाम पर सहमति बनी। इसके अलावा प्रतिनिधिमंडल में आयुर्वेदिक कर्मचारी संघर्ष समित के संयोजक सचिव शिवनारायण सिंह, अध्यक्ष समीर पांडेय, खीमानंद भट्ट, अनिल को शामिल किया। करीब एक बजे आयुर्वेदिक कर्मचारियों ने दोनों कॉलेजों के ताले खोल दिया। प्रतिनिधिमंडल डीडीओ कोड बहाली से संबंधित फाइल को लेने के लिए देहरादून निकल गया। प्रदर्शन करने वालों बीना मठपाल, मोहित मनोचा, डॉ. ओपी सिंह, दिनेश लखेड़ा, समीर, डॉ. शोभित वाष्णेय, डॉ. संजय त्रिपाठी, डॉ. अजय गुप्ता, डॉ. एचसी चैकियाल, डॉ. हर्षमणि गैरोला, डॉ. प्रवेश कुमार, डॉ. ज्ञानप्रकाश सिंह, राजपाल पंवार, सुमन त्यागी, सुदामा जोशी, सुधा पाण्डेय, राहुल तिवारी, हरीश चंद्र गुप्ता, छतरपाल आदि शामिल रहें।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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