हरिद्वार। गुजरात कोल्ड स्टोरज एसोशियशन के अध्यक्ष के साथ लगभग 150 सदस्यों ने आज पतंजलि योगपीठ में आगमन हुआ। गुजरात कोल्ड स्टोरज एसोशियशन के 50 वर्ष पूर्व होने पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि आचार्य बालकृष्ण को पुष्प गुच्छ, एक स्मृति चिन्ह भेंट कर व शाॅल ओढ़ाकर जोरदार स्वागत किया। इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि कृषकों द्वारा उत्पादित सामग्री का उचित भण्डारण किया जाना नितान्त आवश्यक है, जिससे उत्पादित सामग्री को हानि से बचाया जा सके। इस दिशा में कोल्ड स्टोरज का बहुत महत्त्वपूर्ण योगदान है, किसानों की जरूरतो को देखते हुए देश में आज भी लगभग 80 हजार कोल्ड स्टोरज की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि पतंजलि द्वारा कृषकों के उत्पाद का एकत्रीकरण, विपणन एवं उपभोक्ता तक पहँुच बनाने हेतु अन्नदाता ऐप का निर्माण किया जा रहा है, जिसका उपयोग जी.सी.एस.ए. से उपयोग कर अपने सदस्यों को लाभान्वित कर सकता हैं। पतंजलि द्वारा विकसित मृदा परीक्षण कीट का उपयोग कृषक द्वारा स्वयं अपने मिट्टी की जांच कर सकता है। भारत में कई दशकों से बेरोजगारी एक बड़ी समस्या रही है। पतंजलि ने देश के लाखों युवाओं को प्रत्यक्ष तथा अप्रत्क्ष रूप से रोजगार प्रदान किया है। पतंजलि के विविध् सेवा प्रकल्पों में रोजगार के साथ-साथ देश के किसानों को जैविक कृषि का प्रशिक्षण, पतंजलि ग्रामोद्योग के माध्यम से युवाओं में विविध् कौशल विकास पतंजलि के अग्रणी प्रयास हैं, जो कापफी सपफल हुए हैं। पतंजलि के प्रयासों से देश का युवा वर्ग विकास की राह पर है। इस अवसर पर आशीष गुरु ;अध्यक्ष गुजरात कोल्ड स्टोरज एसोशियशन कें 150 सदस्यों की टीम ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड का भ्रमण करतेहुए कहा कि पतंजलि की अनुसंधानपरक गतिविधियाँ अत्यंत अभूतपूर्व हैं तथा विभिन्न साध्य-असाध्य रोगों के उपचार हेतु औषधियों पर अनुसंधान समाज के लिए एक बड़ी सेवा है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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