हरिद्वार। उद्यान विभाग के तत्वाधान में भेषज विकास इकाई द्वारा किसानों को नई तकनीक से कृषि करण करने के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन ज्वालापुर सराय ग्राम में किया गया। इस अवसर पर भेषज समन्वयक एके बिसारिया ने शिविर में आए किसानों को जड़ी बूटियों की खेती के साथ-साथ चंदन की खेती करने के गुर भी बताएं। उन्होंने किसानों से कहा कि समय की मांग के अनुसार हमें खेती करनी चाहिए। देश-विदेश में जड़ी बूटियों और चंदन की बाजार में भारी मांग है। जिसके चलते हमें अन्य कृषि के साथ-साथ जड़ी बूटियों की भी खेती करनी चाहिए। जिससे हमें धन लाभ भी अधिक होगा। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉक्टर पुरुषोत्तम कुमार ने बताया कि हमें उन्नत खेती के लिए कृषि की नई नई तकनीकों को कृषि में प्रयोग करना चाहिए। जिससे समय की बचत के साथ साथ लागत भी कम हो ओर खेती से किसान को अधिक लाभ प्राप्त हो। इस अवसर पर एके सक्सेना, कपिल अग्रवाल, रणधीर गिरी, नवीन कुमार, मोहम्मद शकील, अनुज कुमार, सुशील शर्मा आदि सैकड़ों लोगों ने प्रशिक्षण शिविर में भाग लिया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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