हरिद्वार। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने गुरुवार को राणा संग्राम सिंह का बलिदान दिवस मनाया। कनखल स्थित राजपूत धर्मशाला कार्यालय में आयोजित एक गोष्ठी में महासभा के पदाधिकारियों ने कहा कि राणा सांगा एक बहादुर योद्धा और कुशल शासक थे। जिन्होंने मांडू के सुल्तान महमूद को युद्व में हराकर उसे बन्दी बनाकर अपने किले में ले गये। जहां उसका उपचार एवं देखभाल करने के उपरान्त उसे छोड़ दिया। महासचिव डॉ. शिव कुमार चैहान ने कहा कि ऐसे शासक से प्रेरणा लेकर हम सभी को आगे बढ़ना चाहिये।रोहिताश्व कुंवर चैहान ने कहा कि मेवाड़ की धरती वीर राजपूतों की जननी है। जहां ऐसे योद्धाओं ने जन्म लिया है जिन्होंने मानवता की रक्षा के लिये अपने प्राणों की बाजी लगा दी। उन्होंने राणा सांगा के जीवन को मानवीय मूल्यों का आदर्श बताया। लोकेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप के वंशज राणा सांगा ने भरतपुर के पास स्थित खानुआ के युद्ध में बाबर को हराकर मेवाड़ की रक्षा की। क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष ठाकुर यशपाल सिंह राणा ने कहा कि राणा सांगा की वीरता का कोई सानी नहीं था। पानीपत युद्व विजय के कारण बाबर का मनोबल बहुत ऊंचा था। परन्तु खानुआ युद्व से पहले राजपूती सेना की युद्व कुशलता के सामने बाबर की सेना में खलबली मच गई थी।गोष्ठी में प्रो. भारत भूषण, डा. बिजेन्द्र सिंह चैहान, धनश्याम सिंह, योगेंद्र राठौर, अजय कुमार, महेन्द्र सिंह नेगी, मनवीर सिंह, विजयपाल सिंह राणा, प्रेम सिंह राणा, आरके चैहान, बीएस नेगी, नरेंद्र पाल सिंह चैहान, अंकित चैहान, तनुज शेखावत, राजीव चैहान, विक्रान्त पुंडीर, सतपाल सिंह, योगेन्द्रपाल सिंह, संजीव चैहान, राजेश चैहान, मदनपाल सिंह, मुनेश राणा आदि शामिल थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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