हरिद्वार। ज्वालापुर के पाण्डेवाला क्षेत्र निवासियों ने क्षेत्र के ही रहने वाले नेत्रहीन राजू को जेएनयूआरएम योजना के तहत नगर निगम द्वारा बनायी गयी आवास योजना में मकान आवंटित करने की मांग की है। रघुनाथ मंदिर में हुई क्षेत्रवासियों की बैठक को संबोधित करते हुए सचिन कौशिक ने कहा कि जेएनयूआरएम योजना के तहत पांडे वाला क्षेत्र में 96 मकान बनाए गए थे। उन्होंने कहा कि पाण्डेवाला क्षेत्र की रहने वाली गरीब महिला सीतादेवी ने भी मकान आवंटन के लिए आवेदन किया था। आवंटन के लिए उनका चयन भी कर लिया गया था। मकान मिलने का इंतजार करते करते सीतादेवी की मृत्यु हो गयी। लेकिन उन्हें मकान नहीं मिला। उनका पुत्र राजू जो कि नेत्रहीन है। इसलिए उसे मकान आवंटित किया जाना चाहिए। मकान आवंटन के लिए राजू दर दर भटक रहा है। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक व रानीपुर विधायक आदेश चैहान भी राजू को मकान आवंटित किए जाने की अनुशंसा कर चुके हैं। इसके बावजूद भी उसे मकान नहीं दिया जा रहा है। नेत्रहीन होने के कारण वह कोई काम करने में भी सक्षम नहीं है। किराए के मकान में रहने को मजबूर है। आसपास व पड़ोस के लोग ही मकान किराया भरते हैं तथा खाने की व्यवस्था भी करते हैं। सचिन कौशिक ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी सीतादेवी की मृत्यु होने पर उनके पुत्र राजू को मकान दिए जाने की संस्तुति कर चुके हैं। उसके बावजूद भी विभागीय अटकलों के चलते राजू को मकान नहीं मिल पा रहा है। विपुल मिश्रोटे, आशीष शर्मा ने कहा कि मकान आवंटन में स्थानीय लोगों की उपेक्षा की गयी। उन्होंने मांग की कि मकान आवंटन प्रक्रिया की जाचं होनी चाहिए। बैठक में शामिल लोगों ने चेतावनी देते हुए यदि राजू को मकान नहीं मिला तो पूरे मामले को मुख्यमंत्री तक ले जाया जाएगा। बैठक में अवधेश कौशिक, ओमप्रकाश, प्रदीप निगारे, नितिन कौशिक, संजय, मोनू चाकलान, बाबू सैनी, राजू सैनी, श्याम अग्रवाल, प्रीतम सैनी, लक्की सैनी, उमाशंकर वशिष्ठ, राजू गढ़वाली आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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