हरिद्वार। हरिद्वार में गुलदार की दहशत कम होने का नाम नहीं ले रही है। मेला अस्पताल परिसर में तड़के गुलदार ने कुत्ते को निवाला बना लिया। घटना के बाद से स्वास्थ्य कर्मचारियों में दहशत का माहौल बना हुआ है। कर्मचारियों ने अस्पताल के आसपास तारबाड़ कर सुरक्षा बढ़ाने की मांग की। कर्मचारियों के अनुसार, घटना गुरुवार तड़के करीब चार बजे की है, जब मेला अस्पताल परिसर में गुलदार घुस आया। परिसर से कुत्ते को उठाकर मार डाला। सुबह जब कर्मचारियों ने कुत्ते के क्षत-विक्षत शव को देखा तो हड़कंप मच गया। चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) के प्रदेश महामंत्री दिनेश लखेड़ा ने बताया कि अस्पताल परिसर में गुलदार ने घुसकर कुत्ते को मार दिया। जिससे सभी में दहशत का माहौल बना हुआ है। परिसर में कर्मचारियों के आवास भी बने हुए हैं। ऐसे में कभी भी किसी पर हमला कर सकता है। उन्होंने कहा कि अस्पताल परिसर के आसपास तारबाड़ कराई जाए। वन प्रभाग गुलदार को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए। स्वास्थ्य कर्मी महेश कुमार, मूलचंद, सोमप्रकाश, राकेश भंवर, मुन्नी देवी, राजेंद्र तेश्वर, भुवन पंत, सतीश, सुधा तिवारी, अजय रानी ने वन प्रभाग के खिलाफ रोष जताया है। उधर, रेंजर दिनेश नौडियाल का कहना है कि वनकर्मियों की गश्त बढ़ाई गई।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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