हरिद्वार। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में तीन दिवसीय वसंतोत्सव का शुभारंभ हो गया। प्रथम दिन ध्यान, साधना, हवन, भाषण प्रतियोगिता, सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित विभिन्न कार्यक्रम संपन्न हुए। मुख्य सत्संग हॉल में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए शांतिकुंज के वरिष्ठ कार्यकर्ता केसरी कपिल वर्मा ने जाग्रत आत्माओं को युगधर्म के परिपालन हेतु आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों में अपने समय, प्रतिभा का सही आंकलन कर उसका सदुपयोग करना ही युगधर्म है। भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा प्रकोष्ठ के नेतृत्व में हुए अंतर्महाविद्यालयीन भाषण प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने ‘युवा जो सज्जन, शीलवान, दृढ़ निश्चयी तथा बलिष्ठ हो विषय पर अपने विचार रखे। इसमें देवसंस्कृति विवि के आशुतोष कुमार ने प्रथम, उत्तराखंड संस्कृत विवि की दीपिका ने द्वितीय तथा विवेकानंद डिग्री कॉलेज के अभिषेक सैनी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। भाषण प्रतियोगिता में हरिद्वार के देवसंस्कृति विश्वविद्यालय, एचईसी पीजी कॉलेज कनखल, पं. पूर्णानंद तिवारी लॉ कॉलेज ज्वालापुर, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय, केयर ऑफ नरसिंह कॉलेज बहादराबाद, ऋषिकुल आयुर्वेद कॉलेज, जगदेव सिंह संस्कृत महाविद्यालय, राजकमल साइंस एंड मैनेजमेंट कॉलेज बहादराबाद, चमन लाल महाविद्यालय लंढौरा, विवेकानंद डिग्री कॉलेज रुड़की आदि महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने भागीदारी की। विजेताओं को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने ‘नवयुग के आगमन में युवाशक्ति नामक नाटक के माध्यम से युवाओं को संकीर्णता से ऊपर उठने के लिए प्रेरित किया। वहीं ‘सादा जीवन उच्च विचार विषय पर प्रस्तुत लघुनाटिका ने पाश्चात्य संस्कृति पर कुठाराघात किया। गायत्री विद्यापीठ के नौनिहालों ने समूह नृत्य से अनेकता में एकता का संदेश दिया। दहेज प्रथा विषय पर प्रस्तुत कार्यक्रम के माध्यम से नारी जागरण व कन्या भ्रूण हत्या से होने वाली समस्याओं को उकेरते हुए लघुनाटिका प्रस्तुत की। बाल पखावज कलाकार प्रज्ञेश गढ़वाल ने चैताल में परन प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया। महिला मंडल की बहिनों ने एक्शन सांग प्रस्तुत किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन मंगल सिंह गढ़वाल ने किया। इस अवसर पर देश के कोने-कोने से आए विभिन्न साधना सत्रों के प्रतिभागीगण, शांतिकुंज व देसंविवि परिवार उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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