हरिद्वार। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में चल रहे तीन दिवसीय वसंतोत्सव के दूसरे दिन भव्य जनजागरण रैली निकाली गयी। रैली को व्यवस्थापक शिवप्रसाद मिश्र व डॉ. ओपी शर्मा ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली हरिपुरकला, सप्तसरोवर होते हुए वापस शांतिकुंज लौटी। इसके बाद मुख्य सत्संग हॉल में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने युग तीर्थ शांतिकुंज एवं तीर्थ की गरिमा पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत किसी राष्ट्र का नाम ही नहीं, वरन एक जाग्रत तीर्थ का नाम भी है। भारत में जितने तीर्थ हैं, शायद दुनिया के किसी देश में नहीं है। उन्होंने कहा कि तीर्थ यात्रा का भारतीय परंपरा से गहरा संबंध है। तीर्थ यात्रा आत्मिक शुद्धि, प्राण ऊर्जा का आत्मसात, आध्यात्मिक साधना, समाज के नवनिर्माण हेतु दिशा निर्देश प्राप्त करना जैसे उद्देश्यों के लिए होता रहा है। प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि पूर्ण कुंभ 12 वर्ष के पश्चात होता है, लेकिन सन् 2021 में 165 वर्ष के पश्चात एक दुर्लभ संयोग बनने के कारण हरिद्वार में पूर्ण कुंभ होने जा रहा है। यह इस शताब्दी का महत्त्वपूर्ण अवसरों में से एक है। उन्होंने कहा कि विश्वामित्र की तपस्थली में स्थापित गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में भारत के हर प्रांत की छवि दिखाई देती है, जो अन्यत्र शायद ही कहीं दिखाई देती हो।इस अवसर पर प्रज्ञा अभियान के संपादक वीरेश्वर उपाध्याय, प्रो. प्रमोद भटनागर, महिला मंडल की प्रमुख यशोदा शर्मा ने विभिन्न विषयों पर विस्तृत जानकारी दी। शांतिकुंज तीन दिवसीय वसंतोत्सव का मुख्य कार्यक्रम 30 जनवरी को होगा। इस दिन अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या व शैलदीदी का विशेष उद्बोधन, गुरुदीक्षा एवं वैदिक पद्धति से विभिन्न संस्कार निशुल्क संपन्न कराये जायेंगे।काव्यपाठ में स्वाति पहले स्थान परअंर्तविद्यालयीन काव्यपाठ प्रतियोगिता में हरिद्वार के गायत्री विद्यापीठ, जवाहर नवोदय विद्यालय, स्कॉलर एकेडमी रुड़की, न्यूसेंट थॉमस एकेडमी रुड़की, आचार्यकुलम पंतजलि योगपीठ विद्यालयों के विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। इसमें न्यूसेंट थॉमस एकेडमी रुडकी की स्वाति खेतवाल को प्रथम, गायत्री विद्यापीठ शांतिकुंज की दीप्ति यादव को द्वितीय एवं न्यूसेंट थॉमस एकेडमी रुड़की की आयुषी चैहान को तृतीय स्थान मिला।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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