हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहन्त नरेन्द्र गिरि महाराज ने कहा है कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के साथ हुयी अखाड़ा परिषद की बैठक मे संत महापुरूषो व सभी 13 अखाड़ो की सुरक्षा के लिये पुलिस बल की मांग की गयी थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने अध्यक्ष व महामंत्री को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान किये जाने का आदेश दिया था। लेकिन अभी तक अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज व निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज को सुरक्षा प्रदान नही की गयी है। उन्हाने प्रशासन से मांग करते हुये कहा कि तत्काल प्रभाव से सभी महापुरूषो को सुरक्षा प्रदान की जाये। इस बारे में आईजी अजय रौतेला से भी वार्ता की। उन्होने कहा कि कुम्भ मेला कार्यो मे तेजी लायी जाये और समय से पूर्व सभी कार्य पूर्ण किये जाये। उन्हाने कहा कि भूपतवाला एवं सप्तसरोवर क्षेत्र की उपेक्षा मेला प्रशासन द्वारा की जा रही है। अभी तक कोई भी अधिकारी वहां की व्यवस्था का जायजा लेने नही पहुंचे है। जिससे संत समाज मे रोष है। उन्होने कि मेला क्षेत्र मे अतिक्रमण एक बड़ी समस्या है। उसे भी अभी तक चिन्हित नही किया गया है। सम्पूर्ण मेला क्षेत्र से अतिक्रमण हटाकर मेला मार्गो को दुरूस्त किया जाये। ताकि मेले मे निकलने वाली अखाड़ों की पेशवाई मे किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो। श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि महाराज ने कहां कि नागरिकता कानून को लेकर हिंसा फैलाना एक सुनयोजित प्लान है। हिंसा फैलाने वाले लोगो के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए। उन्होंने दिल्ली सरकार से हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को पर्याप्त मुआवजा दिए जाने की मांग भी की।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
Comments
Post a Comment