हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहन्त नरेन्द्र गिरि महाराज ने प्रशासन से मांग करते कहा है कि तुलसी चैक स्थित पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी की जगह पर सिंचाई विभाग एवं एल.आई.यू. विभाग का आॅफिस स्थाई निर्माण कर बनाया गया है। उसे तत्काल प्रभाव से वहां से हटाया जाये। उन्होने कहा कि जब सिंचाई विभाग द्वारा गंगनहर का निर्माण किया जा रहा था। तब अखाड़े के पदाधिकारियो द्वारा सिंचाई विभाग को यह जमीन सामान रखने व पार्किंग के लिये दी गयी थी और लिखित समझौतानामा किया गया था कि अखाड़े कि जमीन पर किसी भी प्रकार का स्थाई निर्माण नही किया जायेगा और जमीन पर मालिकाना हक पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी का ही रहेगा। जिसका लिखित समझौतानामा सिंचाई विभाग को भी सौंप दिया गया है। उन्होने कहा कि सिंचाई विभाग जल्द से जल्द यह जमीन खाली कर अखाड़े को सुपुर्द करे। क्योंकि कुभ मेले के आयोजन मे बहुत कम समय रह गया है। बड़ी संख्या मे अखाड़े के संत महापुरूष व नागा साधु देश भर से हरिद्वार आते है। ऐसे मे उनके ठहरने के लिये अतिरिक्त जमीन की आवश्यकता होती है। अखाड़े की जमीन को समय से खाली कर दिया जाये। ताकि अखाड़े द्वारा यह जमीन प्रयोग मे लाकर यहां धार्मिक क्रिया कलाप प्रारम्भ कर कुम्भ की व्यवस्थाओ को आयोजन से पूर्व लागू किया जा सके। मुख्यमंत्री के साथ आयोजित बैठक मे भी इस मुद्दे को उनके समक्ष रखा गया था और उन्हाने आश्वासन दिया था कि जल्द ही अवैध कब्जा हटाया जायेगा। लेकिन प्रशासन की ओर से अवैध निर्माण पर अभी तक कोई कार्यवाही नही की गयी है। निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी व श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि मेला क्षेत्र में फैले संपूर्ण अतिक्रमण को हटाकर वहां की व्यवस्था सुचारू करनी चाहिए। इस दौरान कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत, अपर मेला अधिकारी हरवीर सिंह, ललित नारायण मिश्र, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सेंथिल अबुदेई कृष्णराज एस. ने भी अखाड़े पहुंचकर श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज से कुंभ मेले की व्यवस्थाओं पर चर्चा की।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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