हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के योग विज्ञान सभागार में छात्र कल्याण व शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग के संयुक्त तत्वावधान में छात्रों के लिए प्राथमिक चिकित्सा, फिजियोथेरेपी एवं पुनर्वास जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर के उदघाटन सत्र में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रूपकिशोर शास्त्री ने कहा कि सभी को प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी होना बहुत जरुरी होती है। जीवन में दुर्घटनाएँ होती रहती हैं। कब क्या हो जाए, इसका हमें पता नहीं होता है। उन्होंने कहा कि सभी को सेवा के लिए उद्दत रहना चाहिए क्योंकि दूसरों की सेवा में जो सुख प्राप्त होता है वह चरम सुख होता है। उन्होंने सेवा धर्म को परम धर्म बताते हुए सहयोग से जीवन में परिवर्तन लाने की बात कही। शुद्ध मन से की गयी सेवा सदैव सिद्ध होती है। उन्होने कहा कि विश्वविद्यालय में समय - समय पर इस प्रकार के शिविर लगाकर छात्रों को प्रेरित करना आवश्यक है। कार्यक्रम का शुभारंभ द्वीप प्रज्वलन एवं कुलगीत के साथ प्रारम्भ हुआ। शिविर के मुख्य वक्ता एवं विशेषज्ञ डा0 राजीव चतुर्वेदी ने कहा कि व्यायाम के जरिए मांसपेशियों को सक्रिय बनाकर किए जाने वाले चिकित्सा पद्धती फिजियोथेरेपी कहलाती है। वास्तव में यह एक ऐसी शारीरिक चिकित्सा है। जिसमें दवाइयाँ नहीं लेना पडतीं है। फिजियोथेरेपी की सहायता लेने पर आप दवा का सेवन किए बिना अपनी तकलीफ दूर कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह अत्यंत आवश्यक है। फिजिओथेरपी के माध्यम से समस्या को पहचानना, नीदान करना तथा फिर उसकी गुणवत्ता को बढना है। इस शिविर के माध्यम से बीमारी के उत्पन्न होने के कारणों उनको पहचानने तथा उनके निदान की प्रभावी क्रिया को लागू करना है। इस चरणबद्ध प्रक्रिया से रोग प्रभावी ढ़ंग से दूर होता है। परन्तु इस चरणबद्ध प्रक्रिया में अवरोध आने पर रोग के फिर से उत्पन्न होने की सम्भावनाएं अधिक हो जाती है। संकायाध्यक्ष प्रो0 आर0के0एस0 डागर ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि छात्र जीवन में इस प्रकार के शिविर की अपनी उपयोगिता है। क्योंकि युवाओं के कुशल एवं शिक्षित होने पर समाज तथा देश की उन्नति सम्भव है। शिविर का संचालन डा0 शिव कुमार चैहान ने किया तथा डा0 विपुल भट्ट ने सभी आगन्तुक अतिथियों का आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर योग विभाग के अध्यक्ष डा0 राकेश गिरि, डा0 सुरेन्द्र कुमार त्यागी, एन सी सी केप्टन डा0 राकेश भूटियानी, डा0 अजय मलिक, डा0 कपिल मिश्रा, डॉ अनुज कुमार, दुष्यन्त सिंह राणा, प्रणवीर सिंह, कनीक, डा0 ऊधम सिंह, डा0 निष्कर्ष, नन्दकिशोर, हेमंत सिंह नेगी, जोगेन्द्र, अश्वनी, डॉ संदीप इत्यादि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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