हरिद्वार। उत्तराखण्ड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने श्रम प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रविन्द्र वशिष्ठ के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जिला अधिकारी के माध्यम से राज्यपाल व मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर गैरसैंण को प्रदेश की स्थाई राजधानी घोषित करने की मांग की है। इस दौरान रविन्द्र वशिष्ठ ने कहा कि 3 से 6 मार्च तक गैरसैंण में आयोजित किए जा रहे विधानसभा सत्र के दौरान ही गैरसैंण को प्रदेश की स्थाई राजधानी घोषित किए जाने का प्रस्ताव पास किया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड पर्वतीय राज्य है। उत्तराखण्ड को अलग राज्य बने 20 वर्ष होने को हैं। इस बीच कई सरकारें आयी। लेकिन कोई भी सरकार प्रदेश की स्थाई राजधानी निश्चित नहीं कर पायी। जो कि उत्तराखण्ड जैसे नवोदित पर्वतीय राज्य लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उत्तराखण्ड क्रांति दल का स्पष्ट मत है कि उत्तराखण्ड की राजधानी गैरसैंण होनी चाहिए। रविन्द्र वशिष्ठ ने कहा कि यूकेडी के नेतृत्व में पृथक राज्य के लिए जनता ने लंबे समय तक आंदोलन चलाया कई शहादतें दी। अलग राज्य प्राप्त करने में महिलाओं, छात्रों सहित समाज के प्रत्येक वर्ग का योगदान रहा। प्रदेश की जनता गैरसैंण को राजधानी के रूप में देखना चाहती है। सरकार को बजट सत्र के दौरान ही गैरसैंण को प्रदेश की राजधानी घोषित करने का विधेयक पारित करना चाहिए। उक्रांद की जिला प्रभारी सरिता पुरोहित, जिला महामंत्री राजीव देशवाल तथा केंद्रीय प्रचार मंत्री दीपक गोनियाल ने कहा कि सरकार को विधानसभा के इसी सत्र में गैरसैंण को राजधानी बनाए जाने का विधेयक पारित कर अलग राज्य के शहादत देने वाले आंदोलनकारियों को सम्मान देना चाहिए । ज्ञापन देने वालों में राजीव देशवाल, रविन्द्र वशिष्ठ, सरिता पुरोहित, दीपक गोनियाल, देशा सिंह, प्रदीप उपाध्याय, विमल चंद्रा, हेमंत बिष्ट, भगवान दास आदि कार्यकर्ता शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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