हरिद्वार। दो दिन पूर्व बारिश और ओलावृष्टि से जमींदोज हुए गन्ने को जल्द बेचने के लिए किसानों ने अतिरिक्त गन्ना पर्चियां जारी करने की मांग की है। गन्ना समिति के चेयरमैन और अधिकारियों ने क्षेत्र का दौरा कर प्रभावित किसानों को अतिरिक्त पर्चियां उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। मंगलवार की देर शाम आई तेज हवाओं, बारिश के साथ ही हुई ओलावृष्टि से ज्वालापुर गन्ना विकास समिति से जुड़े किसानों की गन्ने की फसल जमीन पर नीचे गिर गई। जिससे किसानों ने नीचे गिरे गन्ने को जल्द बेचने के अतिरिक्त पर्चियां जारी करने की मांग की थी। गुरुवार को किसान आयोग के अध्यक्ष राकेश राजपूत, गन्ना विकास समिति ज्वालापुर के चेयरमैन विरेश प्रताप सिंह, समिति सचिव अशोक कुमार, सीडीआई रणधीर सिंह सैनी, सुपरवाइजर नरेंद्र ने कटारपुर, मिस्सरपुर, फेरपुर, बहादरपुर जट, अजीतपुर आदि गांव में ओलावृष्टि से गन्ने की फसल को हुए नुकसान को देखा। चेयरमैन विरेश प्रताप सिंह ने बताया कि गन्ने की ओलावृष्टि के कारण अधिकांश गन्ने की फसल जमीन पर गिर गई है। जिससे नीचे गिरी गन्ने की फसल को काटकर जल्द बेचना पड़ेगा, इसलिए प्रभावित किसानों की सूची तैयार कर अतिरिक्त गन्ना खरीद पर्चियों की व्यवस्था की जाएगी। ताकि किसान गिरे गन्ने को नष्ट होने से पहले बेच दें। गन्ना अधिकांश मात्रा में गिर गया है। इसके कारण किसानों के सामने बीज का संकट भी खड़ा हो गया है। ऐसे में किसानों के लिए बीज की व्यवस्था भी की जाएगी। जो किसानों को सस्ता और छूट पर उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य किसान आयोग के अध्यक्ष राकेश राजपूत ने बताया कि किसानों की सभी फसलें सौ फीसदी बर्बाद हो चुकी हैं। जिससे लेखपालों को सभी प्रभावित किसानों की सूची तीन दिन के भीतर बनाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि हर प्रभावित किसान को समय पर सरकार से मुआवजा दिलाया जा सके। उन्होंने बताया कि अगर किसी भी लेखपाल ने किसानों को मुआवजा दिलाने, रिपोर्ट बनाने में लापरवाही की तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
Comments
Post a Comment