हरिद्वार। मेलाधिकारी दीपक रावत ने शनिवार को मेला नियंत्रण कक्ष में श्रीगंगा सभा के साथ समन्वय बैठक किया। उन्होंने कहा हर की पैड़ी क्षेत्र में सोलर लाइट और आधुनिक टॉयलेट के कार्य किये जायेंगे। हर की पैड़ी पर विभिन्न एजेंसियां कुंभ मेले की तैयारियों को लेकर कार्य कर रहे हैं। इन कार्यों में अंडर ग्राउंड केबलिंग, नमामि गंगे के स्वीकृत कार्य, सीवर कार्य प्रमुख हैं। कुभ मेला-2021 में मेला प्रतिष्ठान के साथ गंगा सभा भी विभिन्न कार्यों में योगदान दे रही है। उन्होंने सभी कार्यों को गुणवत्ता युक्त और समय पर पूर्ण करने का निर्देश दिया। हर की पैडी की पवित्रता को बनाये रखने के लिए प्रत्येक प्रवेश द्वार पर जूता स्टॉल एवं साफ-सफाई पर विशेष बल दिया जायेगा। बैठक में श्रीगंगा सभा अध्यक्ष प्रदीप झा, महामंत्री तन्मय वशिष्ट, जितेन्द्र विद्याकुल, सिद्धार्थ चक्रपाणी एवं अपर मेलाधिकारी ललित नारायण मिश्रा, अधीक्षण अभियन्ता तकनीकी सेल हरीश पांगती, सहायक अभियन्ता अंनन्त सैनी, अधीक्षण अभियन्ता जल संस्थान डीके सिंह आदि अधिकारी मौजूद थे। इस बार कुंभ मेला 2021 में आध्यत्मिक, पौराणिक और धार्मिक स्वरूप को आधुनिक डिजिटल टेक्नोलॉजी के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा। हरिद्वार कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओ को इस बार मां गंगा की धरती पर अवतरण कथा और महाकुंभ की कथा अनोखे तरीके से देखने का अवसर मिलेगा। कुंभ मेला प्रशासन ने इसके लिए विशेष व्यवस्था की है। कुंभ में गंगाजल से प्रवाहित होने वाले फव्वारों पर विजुअल लाइट के माध्यम से पौराणिक कहानियां प्रस्तुत की जाएंगी। इसके लिये सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। शुक्रवार देर रात को मेलाधिकारी दीपक रावत के नेतृत्व में हरिद्वार में शंकराचार्य चैक के पास ओम घाट के समीप इसका प्रस्तुतिकरण भी किया गया। प्रयोग के तौर पर घाट पर गंगा जल से ही फव्वारे बनाए गए और उन पर लेजर लाइट डालकर गंगा की कहानी का वर्णन कथानक का प्रदर्शन किया गया। गंगा की फुहारों पर लेजर लाइट के माध्यम से बने प्रतिबिंब को देखकर लोग आश्चर्यचकित रह गए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
Comments
Post a Comment