हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कोरोना संकट में सभी अखाड़ों, आश्रमों, धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं से गरीबों की मदद के लिए आगे आने की अपील की है। प्रैस के माध्यम से जारी अपील में श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि कोराना वायरस का संक्रमण फैलने से पूरी दुनिया इस महामारी के खतरे से जूझ रही है। भारत में इस वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार को लाॅकडाउन का निर्णय लेना पड़ा। लाॅकडाउन होने से सबसे ज्यादा दिक्कत गरीब मजदूरों को उठानी पड़ रही है। जगह-जगह शहरों में विभिन्न प्रदेशों के हजारों मजदूर फंसे हुए हैं। घर से दूर शहरों में फंसे इन मजदूरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हरिद्वार में भी विभिन्न औद्योगिक संस्थानों में काम करने वाले मजदूर, रिक्शा चालक फंसे हुए हैं। घाटों पर रहने वाले फक्कड़ साधु, भिखारियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। संकट के इस समय में असहाय स्थिति में फंसे लोगों की मदद करना सबका दायित्व है। ऐसे में अखाड़ों, आश्रमों, धार्मिक व अन्य सामाजिक संस्थाओं को आगे आकर गरीबों को भोजन व अन्य सहायता उपलब्ध करानी चाहिए। श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी ने गरीबों की मदद के अपनी ओर से 16 लाख रूपए की मदद की है। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्री महंत ज्ञानदेव सिंह महाराज, श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन के मुखिया महंत भगतराम महाराज सहित कई अखाड़े व आश्रम अपनी ओर से प्रशासन को खाद्य सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं। देशव्यापी इस संकट से पार पाने के लिए धन की भी अत्यन्त आवश्यकता है। कोरोना से निपटने के लिए सरकार ने एक राहत कोष बनाया है। सभी को अपने सामर्थ के अनुसार कोष में योगदान करना चाहिए। श्री मंशा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि पूरा देश आज विकट स्थिति का सामना कर रहा है। लाॅकडाउन में घरों में रहें। जिससे इस वायरस का फैलाव रोका जा सके।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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