हरिद्वार। चैत्र नवरात्रा में चैथे दिन श्रद्वालुओं ने मां दुर्गा के चैथे स्वरूप कृष्माण्डा की पूजा-अर्चना की। श्रद्धालुओं ने पूरे श्रद्वाभाव से घरों में पूजन कर जीवन में आ रही बाधाओं के दूर होने का वर मांगा।लेकिन विभिन्न मन्दिरों में सन्नाटा के बीच पुजारियों ने पूजा अर्चना की । नवरात्र में चैथे दिन शनिवार को भी श्रद्धालुओं ने घरों पर ही पूजा-अर्चना की। माता का रोली से तिलक कर पुष्प और फल अर्पित कर नवरात्र व्रत कथा का पाठ किया। श्रद्धालुओं ने दुर्गा सप्तशती का पाठ किया। इस बार कोरोना वायरस के फेल रहे संक्रमण के मददे्नजर केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा पूरे राज्य के साथ साथ देशभर में लाॅकडाउन किया गया। इस दौरान प्रशासन द्वारा नगर के सभी प्रमुख मन्दिरों में श्रद्वालुओं के आगमन पर रोक लगा दी है। इस दौरान मन्दिर के पुजारी द्वारा सुबह शाम देवताओं की पूजा अर्चना की जायेगी। दूसरी ओर कोरोना वायरस के खात्मे को लेकर श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा और मां मनसा देवी में नौ दिन का अनुष्ठान किया जा रहा है। जिसमें कोरोना केा लेकर अनुष्ठान किया जा रहा है। ताकि लोग स्वस्थ रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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