हरिद्वार। दो जून की रोटी और बेहतर जीवनयापन की उम्मीद में अपने अपने घरों से दूर रहे लोग आखिरकार पैदल ही अपने अपने घरों के लिए निकल पड़े है। लॉकडाउन के दौरान यातायात व्यवस्था ठप्प होने सें लोग घरों को लौटने को मजबूर हो गए हैं। जबकि अभी भी रोजी रोटी की तलाश में आए सैकड़ों लोग इस समय हरिद्वार समेत कई स्थानों में फंसे हुए हैं। दूर दूर से आये मजदूरी करने आये ये लोग समूह में पैदल निकल पड़े हैं। कोई बरेली जा रहा है तो कोई खतौली। ऐसे कई लोग हैं जो गुरुवार को पैदल चलते दिखे। लॉक डाउन के कारण इस समय दिहाड़ी मजदूर सबसे अधिक परेशान हैं। ऋषिकेश से 22 लोगों का एक दल बरेली के लिए पैदल निकल पड़ा है। इन लोगों का कहना है कि लॉकडाउन लंबी अवधि का है। उनके पास खाने पीने को कुछ नहीं है। न जेब में पैसा है। ऐसे में उनका यहां से निकलना ही ठीक है। दल में शामिल धर्मवीर सिंह व ओमवीर सिंह ने बताया कि वे ऋषिकेश से तड़के बरेली के लिए पैदल निकले हैं। उन्हें रास्ते भर में कहीं कोई मदद नहीं मिली। हाथ जोड़ने के बाद भी हाईवे में इक्का दुक्का मिले वाहन बिठाने को तैयार नहीं थे। इसलिए वे पैदल ही बरेली के लिए चल रहे हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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