हरिद्वार। कोरोना वायरस ने न केवल लोगों को एक दूसरे से दूर रहने पर मजबूर कर दिया है,बल्कि कई लोगों की जिन्दगी की दुश्वारियों को बढ़ाने का कार्य किया है,यही वजह है कि रोजगार की उम्मीद में आये युवक सड़को पर भटक रहे है,तो कम्पनी बंद होने से घर जाने की उम्मीद में चला युवाओं का दल मन्जिल तक पहुचने से पहले ही बीच रास्ते में अटकने पर मजबूर हो गया। इन दिनों तीर्थनगरी की सड़कों पर इस तरह के कई युवाओं को आप भटकते हुए देख सकते है। दरअसल नौकरी की तलाश में हरिद्वार आए उ.प्र.के गाजीपुर के तीन युवक लाॅकडाउन होने पर हरिद्वार में फंस गए हैं। तीनों युवक जनता क्रॅफ्यू लगने से दो दिन पहले हरिद्वार आए थे। गाजीपुर से नौकरी की तलाश में आए अजय, राधेमोहन पाण्डेय व अच्छेलाल यादव ने बताया कि वे तीनों आईटीआई प्रशिक्षित हैं तथा नौकरी की तलाश में हरिद्वार आए थे। जनता क्रफ्यू लागू होने से एक दिन पहले उन्होंने सिडकुल की राॅकमैन कंपनी में बायोडाटा जमा कराया। अगले दिन जनता क्रफ्यू की घोषणा कर दी गयी। फिर लाॅकडाउन के बाद से वे सड़कों पर भटक रहे हैं। घर जाना चाहते हैं लेकिन कोई साधन नहीं मिल रहा है। अच्छी बात यह है कि हरिद्वार में भटक रहे लोगों को खाना उपलब्ध कराया जा रहा है। लेकिन रात गुजारने की बड़ी समस्या हैं। उस पर कोरोना का खतरा अलग से है। वापस घर लौटने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी हेल्पलाईन पर भी संपर्क किया। लेकिन फिलहाल कोई व्यवस्था नहीं हो पायी है। अंबाला में होटल में नौकरी करने वाला सात युवकों का एक दल भी हरिद्वार में आकर फंस गया है। युवक उत्तराखण्ड के बागेश्वर जनपद के रहने वाले हैं। सभी अंबाला में होटलों में नौकरी करते थे। लाॅकडाउन होने पर होटल बंद हो गया। इस पर उन्होंने घर लौटना ही मुनासिब समझा। घर लौटने के लिए अंबाला प्रशासन से पास बनवाया और किराए की गाड़ी लेकर बागेश्वर के लिए निकले। युवक प्रमोद, नवीन, प्रकाश, हिमांशु भट्ट, राजेंद्र, कमलेश व भगवत ने बताया कि वे हरिद्वार तो पहुंच गए। लेकिन चण्डी पुल के पास उनकी गाड़ी को रोक दिया गया और सरकारी आदेशों का हवाला देकर आगे नहीं जाने दिया गया। घर जाने के लिए प्रशासन से कोई सहायता मिल सके इसके लिए सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पहुंचे हैं। सिडकुल की औद्योगिक इकाईयों में काम करने वाले मजदूर सोमवार को भी बड़ी संख्या में घर जाने के लिए निकले। लेकिन प्रशासन ने समझा बुझाकर उन्हें वापस भेजा। हालांकि कई स्थानों पर मजदूर प्रशासन की कुछ सुनने को तैयार नहीं हुए। लेकिन पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए किसी को भी लौटने नहीं दिया। सिडकुल में काम करने वाले अधिकांश मजदूर रोशनाबाद, औरंगाबाद, आन्नेकी, रावली महदूद आदि में किराए पर रहते हैं। लाॅकडाउन होने पर सभी फैक्ट्रीयों में काम बंद हो गया है। ऐसे में मजदूर अपने घर लौटने की कोशिश कर रहे हैं। लाॅकडाउन होने के बाद से लगातार मजदूर अपने घरों को लौट रहे हैं। वाहन नहीं मिलने पर लोग पैदल ही अपने गांवों को जा रहे हैं। सोमवार को भी काफी संख्या में मजदूर अपने घर जाने के लिए निकले। लेकिन प्रशासन ने उन्हें वापस भेजा। सिडकुल की एक कंपनी में काम करने वाले बरेली के महेंद्र, पीलीभीत के सुरजीत व बबलू शुक्ला भी अपने परिवारों के साथ घर जाने के लिए निकले। भगत सिंह चैक के समीप पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
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