हरिद्वार। श्री राधा कृष्ण धाम के परमाध्यक्ष पूर्व पालिका अध्यक्ष स्वामी सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा है कि भूखे को भोजन और प्यासे को जल देना ही भगवान की सबसे बड़ी पूजा है। राधा कृष्ण धाम लाॅकडाउन शूरू होने के बाद से ही संपूर्ण हरिद्वार क्षेत्र में भोजन के पैकेट वितरण की व्यवस्था कर रहा है। जो 8 मई तक अनवरत जारी रहेगी। जिन लोगों के पास बनाने की व्यवस्था है। उनको एक से 3 मई तक कच्चे राशन का वितरण किया जाएगा। राशन वितरण व भोजन सेवा में सहयोग करने वाले संतों तथा समाज सेवियों का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि आपातकाल में ही समाज को सहयोग की आवश्यकता होती है और सामाजिक तथा राजनीतिक कार्यकर्ता होने के नाते मैं अपने कर्तव्य का निर्वाह कर रहा हूं। स्वामी सतपाल ब्रह्मचारी की सेवा भावना की प्रशंसा करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी चेतनानंद उदासीन तथा महामंडलेश्वर स्वामी कमलानंद गिरि ने कहा कि हरिद्वार के आश्रमों में लगभग पाँच सौ अन्न क्षेत्र चल रहे थे। जिनको प्रशासन ने बंद करवा दिया है। जिससे बड़ी संख्या में जनता भूखमरी के कगार पर आ गई थी। स्वामी सतपाल ब्रह्मचारी ने जनता के दर्द को समझते हुए पका हुआ भोजन प्रदान करने की शुरूआत की। जिसकी सर्वत्र सराहना हो रही है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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