हरिद्वार। यूपी के बुलंदशहर में सोमवार की देर रात दो साधुओं की हत्या किए जाने की साधु संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कड़े शब्दों में निन्दा की है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरी महाराज ने साधुओं की हत्या पर दुख व्यक्त करते हुए योगी सरकार से इस जघन्य हत्याकांड के जल्द खुलासे और दोषियों को सलाखों के पीछे भेजे जाने की मांग की है। श्रीमहंत नरेन्द्र गिरी महाराज ने कहा है कि चिमटा चोरी के आरोप में साधुओं की पीट-पीटकर हत्या किए जाने की घटना निंदनीय है। उन्होंने कहा है कि पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है और पूछताछ कर रही है। लेकिन घटना की पूरी सच्चाई लोगों के सामने आनी चाहिए। ज्ञात रहे कि बुलन्दशहर के पगोना गांव स्थित शिव मंदिर पर पिछले करीब 10 वर्षों से 55 वर्षीय साधु जगनदास और 35 वर्षीय साधु सेवादास रहते थे। दोनों साधु मंदिर में रहकर पूजा-अर्चना में लीन रहते थे। लेकिन सोमवार की देर रात मंदिर परिसर में ही दोनों साधुओं की लाठी डंडे से पीटकर नृशंस हत्या कर दी गई। मंगलवार सुबह जब ग्रामीण मंदिर में पहुंचे तो उन्हें साधुओं के खून से लथपथ शव पड़े मिले। अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरी महाराज ने कहा कि देश में लगातार साधु संतों की हत्या कर सनातन धर्म पर कुठाराघात किया जा रहा है। जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मां मंशा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज व निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म के पुरोधाओं की जघन्य हत्या ऋषि मुनियों की धरती पर लगातार हो रही है। सरकार को संत महापुरूषों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए और अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए। ताकि ऐसी घटनाओं की पुनर्रावृति ना हो सके। संतों की हत्या करने वालों में कोठारी महंत जसविन्दर सिंह, श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह, महंत दामोदरदास, मुखिया महंत भगतराम, म.म.स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी, स्वामी कपिलमुनि, म.म.स्वामी हरिचेतनानंद, जयराम पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, स्वामी प्रबोधानंद गिरी, महंत निर्मल दास, महंत रोहित गिरी, श्रीमहंत प्रेमगिरी, श्रीमहंत विद्यानंद सरस्वती, महंत दर्शनदास, महंत रूपेंद्र प्रकाश सहित सभी संत महापुरूषों ने घटना की घोर निंदा करते हुए दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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