हरिद्वार। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं उत्तराखण्ड ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखकर चिकित्सा स्वास्थ्य आयुष,आयुष शिक्षा के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों जो चिकित्सालयों,प्रा,स्वा,केंद्र,सामु स्वा केंद्र डिस्पेंसरियों,आयुर्वेद चिकित्सालयों में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कोरोना महामारी में अपने ड्यूटी पर अपना कार्य पुर्ण निस्ठा ईमानदारी के साथ फ्रंट वारियर के तौर पर निभाते आ रहे है।ं क्योंकि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी चिकित्सालयों के साथ साथ जिले के बॉर्डर पर भी ड्यूटी पर बडी लगन से लगे हुए हैं। उसके बाद भी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अल्प वेतन भोगी है और उसी वेतन मे अपने बच्चो की अच्छी पढाई कराने और आवास लोन की जिम्मेदारि निभा रहे हैं। सरकार द्वारा हर छ माह में महंगाई भत्ता मिलने से वेतन बढने के कारण कर्मचारी को आस रह्ती थी कि कुछ वेतन बढेगा तो कुछ बच्चो की पढाई और लोन की किस्त पर असर पडेगा। पर डी,ए,फ्रीज होने से कर्मचारियोँ को आर्थिक हानी के साथ जो कर्मचारी सेवनिर्वत होने वाले है, उन्हे भी आर्थिक हानी होगी और जो कर्मचारी कोरोना महामारी में पुर्ण् मनोयोग से कार्य कर रहे हैं वह भी हतोह्त्साहित होंगे। प्रदेश महामंत्री दिनेश लखेडा अध्यक्ष मनवर सिंह नेगी संयुक्त मंत्री शिवनारायण सिंह ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि कृपया चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के डी ए फ्रीज के आदेश चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के निरस्त करने की कृपा करें। चतुर्थ वर्गीय राज्य कर्मचारी महासंघ के आदेश अनुसार समस्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जैसे प्रधान मंत्री के आदेश से थाली घन्टे और दीपक जलाए थे। वैसे ही डी,ए,फ्रीज होने के विरोध में अपने घरों की छतों पर चढ कर लाल झंडे 11बजे सुबह फहरायेगे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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