हरिद्वार। अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय वरिष्ठ महामंत्री श्रीकांत वशिष्ठ, उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिखोला ने कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक को एक मांग पत्र सौंपा है। तीर्थ पुरोहितों ने सरकार से बाहरी राज्यों से कर्मकांड को आने वाले लोगों को हरिद्वार आने की अनुमति देने की मांग की है। तीर्थ पुरोहितों ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान देश के विभिन्न राज्यों से यात्री अपने यहां के जिला प्रशासन की अनुमति लेकर अस्थि प्रवाह को हरिद्वार आ रहे हैं। जिन्हें उत्तराखंड के प्रवेशद्वारों में रोककर उत्तर प्रदेश के तीर्थ शुक्रताल, गढ़ मुक्तेश्वर आदि स्थलों पर भेजने को विवश कर रहे है। जबकि यह कार्य पूर्ण रूप से शास्त्रों के विपरीत है। साथ ही हरिद्वार तीर्थ की भी मर्यादा का उल्लंघन है।तीर्थ पुरोहितों ने सरकार से कहा कि सीमा पर स्वास्थ्य परीक्षण कर सीमित संख्या में यात्रियों को अस्थि प्रवाह के लिए हरिद्वार आने की अनुमति दी जाए। उधर, इस मामले में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि उन्होंने श्री गंगा सभा के अध्यक्ष व महामंत्री से भी राय ली है। पुरोहितों का पक्ष वे मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे। मदन कौशिक ने कहा कि कोशिश की जाएगी कि कोई ऐसा निर्णय निकले, जिससे यात्रियों की भावनाओं का सम्मान किया जा सके।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment