से पहले हरिद्वार। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लाॅकडाउन लागू किये जाने के दौरान बंद पड़ी भारतीय रेल पहली जून से सीमित संख्या में पटरी पर दौड़ने जा रही है। देशभर के मुख्य रेल मार्गो पर रेलवे द्वारा दौ सौ टेªने चलायी जा रही है,इनमें से दो टेªनों का संचालन देहरादून व एक टेªन का संचालन हरिद्वार से शुरू होने जा रही है। एक जून से फिर से शुरू की जा रही टेªन सेवाओं के मददेनजर रेलवे प्रशासन द्वारा यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए कई नियम और शर्ते भी तय की है। ट्रेनों के पुनर्संचालन की अनुमति के बाद रेलवे प्रशासन की ओर से इससे जुड़ी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। रेलवे स्टेशन पर शारीरिक दूरी समेत अन्य मानकों का कड़ाई से पालन कराने को कई इंतजाम किए गए हैं। महत्वपूर्ण यह कि ट्रेन के निर्धारित समय से 90 मिनट पहले रेलवे स्टेशन पहुंचना होगा। मास्क लगाना होगा अनिवार्य होने के अलावा शारीरिक दूरी के मानकों का भी पालन करना होगा। खाने-पीने की चीजें साथ लानी होगी। कंफर्म टिकट होने पर ही यात्रियों को यात्रा की अनुमति दी जायेगी। बताते चले कि 23 मार्च को लॉकडाउन शुरू होते ही ट्रेनों का संचालन बंद करते हुए रेलवे स्टेशन को सील कर दिया गया था। अब पहली जून से अप और डाउन में तीन जनशताब्दी ट्रेनें संचालित होंगी। हालांकि तीनों जनशताब्दी (02056) देहरादून-नई दिल्ली जनशताब्दी, (02053) हरिद्वार-अमृतसर जनशताब्दी और (02091) देहरादून-काठगोदाम जनशताब्दी को भी स्पेशल ट्रेनों की श्रेणी में रखा गया है। इन ट्रेनों के नंबर से पहले एक अथवा दो के स्थान पर शून्य लगाया गया है। बहरहाल पहली जून से संचालित होने वाली इन ट्रेनों को लेकर रेलवे प्रशासन की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। स्टेशन डायरेक्टर अतुल शर्मा के अनुसार प्लेटफार्म पर खानपान के स्टॉल बंद रहेंगे। यात्रियों को घर से ही खाना लेकर आना होगा। यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिग भी कराई जाएगी। कोरोना संक्रमण जैसे लक्षण दिखने पर संबंधित को यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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