हरिद्वार। लाॅकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फंसे उत्तराखंड के प्रवासियों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। मंगलवार सुबह को तिरुवनंतपुरम केरल से 788 प्रवासियों को लेकर 1वीं श्रमिक स्पेशल हरिद्वार रेलवे स्टेशन पहुंची। श्रमिक टेªन में आने वालों में हरिद्वार, चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी के 139 प्रवासियों को शहर के विभिन्न होटलों में क्वारंटाइन किया गया है। बाकी प्रवासियों को रोडवेज बसों के जरिये उनके गृह जनपदों को भेजा गया। मंगलवार को 11वीं विशेष श्रमिक टेªन तिरुवनंतपुरम से 788 प्रवासियों को लेकर सुबह करीब बजे हरिद्वार स्टेशन पहुंची। उत्तराखंड के प्रवासियों को लेकर हरिद्वार पहुंची यह 11वीं श्रमिक स्पेशल थी। इससे पूर्व दस श्रमिक स्पेशल से 11037 प्रवासी आ चुके हैं। उत्तराखंड के प्रवासियों में सबसे अधिक चंपावत जिले के 251 और सबसे कम पांच पिथौरागढ़ जिले के हैं। साथ ही, उप्र के मुजफ्फरनगर, शामली और सहारनपुर के आठ प्रवासी पहुंचे। इस दौरान शारीरिक दूरी मानकों का पालन कराते हुए सभी को सेनिटाइज करने और सत्यापन के बाद स्टेशन परिसर में लाया गया। हरिद्वार के 26, चमोली के 31, रुद्रप्रयाग 59 और उत्तरकाशी के 23 प्रवासियों को हरिद्वार के होटलों में क्वारंटाइन किया गया है। अन्य जिले के लोगों को रोडवेज बसों के जरिये उनके गृह जनपदों को भेजा गया। श्रमिक टेªन से आने वाले प्रवासियों में अल्मो़ड़ा के 25,बागेश्वर के43,चमोली के 31,चम्पावत के 251,देहरादून के23,पौड़ी के26,रूद्रप्रयाग के 59,टिहरी के 147,उधमसिंह नगर के 114,नैनीताल के 7,उत्तरकाशी के 23,हरिद्वार के 26 निवासियों के अलावा सहारनपुर के 05,शामली के 2व मुज्जफरनगर के एक निवासी भी शामिल है। विशेष श्रमिक ट्रेन के पहुचने पर सीडीओ विनीत तोमर, एएसपी जीआरपी मनोज कत्याल, एडीएम केके मिश्रा, इंडियन रेडक्रास के सचिव डॉ. नरेश चैधरी, स्टेशन डायरेक्टर अतुल शर्मा मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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