हरिद्वार। भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के नवनियुक्त सदस्य डा.महेंद्र राणा ने कहा कि कोरोना के ठीक होने वाले मरीजों से संक्रमण फैलने का किसी भी तरह का खतरा नहीं रहता है। इसलिए स्वस्थ होने वाले मरीजों का हमें स्वागत करना चाहिए। उनके प्रति नकारात्मक भाव नहीं रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि थोड़ी सी एहतियात रख कर कोरोना के संक्रमण से बचा जा सकता है। सामान्य तौर पर गुनगुना पानी अथवा ठंडा पानी पीना है तो घड़े अथवा सुराही में रखा गया पानी पीना चाहिए, क्योंकि फ्रिज का पानी हमारी श्वसन नली को प्रभावित करता है और श्वसन नली में दिक्कत आने पर कोरोना फैलने का ज्यादा खतरा रहता है। बृहस्पतिवार को भारतीय चिकित्सा परिषद के सदस्य चंद्रशेखर वर्मा और चिकित्सकों के संगठन नीमा की हरिद्वार इकाई के अध्यक्ष डा.राजीव चैधरी के साथ पत्रकारों से वार्ता करते हुए महेंद्र राणा ने कोरोना के संक्रमण से बचाव और इतिहास के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि कोरोना एक ऐसी महामारी के रूप में सामने आया है। जिसके संक्रमण का प्रभाव अन्य संक्रमण वाले कीटाणुओं से बहुत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि हम खाने-पीने और सरकार द्वारा तय किए गए एहतियात का पालन करके अपने आपको कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि फ्रिज का ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए और शारीरिक दूरी का पालन करना चाहिए। कहा कि कोई भी वायरस हो आयुर्वेद में मनुष्य को उससे बचे रहने के लिए पर्याप्त मदद की है। इसीलिए आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से बने क्वाथ और अन्य दवाइयों का सेवन करके हम अपने शरीर की इम्युनिटी को इतना बढ़ा सकते हैं कि कोरोना का डटकर मुकाबला किया जा सके। उन्होंने आयुर्वेद के उत्पादों का लगातार सेवन करने की सलाह दी। डा.राजीव चैधरी ने कहा कि कोरोना का कहर पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है। ऐसे में दुनिया भारत की तरफ ही देख रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत निश्चित रूप से कोरोना पर विजय पाएगा और हम कोरोना को हरा देंगे। डा.चंद्रशेखर वर्मा ने कहा कि आयुर्वेद को अपनाकर कोरोना वायरस को हराना बहुत आसान है। उन्होंने बताया कि चिकित्सकों की ओर से भी कोरोना से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने हेतु व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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